गुरु का कार्य विद्यार्थियों के अंदर छिपी हुई प्रतिभा को बाहर निकालना : प्रो. सोमनाथ।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुवि में नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसरों के लिए इंडक्शन प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ।
कुरुक्षेत्र, 12 सितम्बर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि एक विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक एक ऐसा महत्वपूर्ण इंसान होता है जो अपने ज्ञान, धैर्य, प्यार और देखभाल से उसके पूरे जीवन को एक मजबूत आकार देता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के द्वारा मस्तिष्क एवं बुद्धि का विकास होता है। वहीं दीक्षा के द्वारा चेतना पैदा होती है जो विद्यार्थियों में सृजनात्मकता एवं बुद्धिमता का विकास करती है। वे सोमवार को विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ट्रैनिंग, प्लानिंग एवं मॉनिटरिंग सेल द्वारा विश्वविद्यालय के नवनियुक्त असिस्टैंट प्रोफेसरों के लिए आयोजित साप्ताहिक इंड़क्शन कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि शिक्षा से एक स्तर आगे दीक्षा का होता है। गुरू का अर्थ होता है जो अंधकार का निवारण करता है। हर एक व्यक्ति अपने आप में ब्रह्म है लेकिन उस पर पड़े अज्ञान के आवरण को गुरू के द्वारा ही दूर कर ज्ञान को विकसित किया जाता है। गुरू का कार्य विद्यार्थियों के अंदर छिपी हुई प्रतिभा को बाहर निकालना होता है। शिक्षा का अर्थ केवल साक्षरता नहीं है बल्कि विद्यार्थियों को मूल्यपरक शिक्षा देकर उन्हें ज्ञानवान बनाना है ताकि वो सही और गलत की पहचान कर सके।
कुलपति प्रो. सोमनाथ ने नॉलेज, स्किल व एटिट्यूड को शिक्षा के तीन महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए कहा कि नॉलेज का अर्थ किसी वस्तु की सही जानकारी होना है व ज्ञान के आधार पर उसके प्रयोग को कौशल कहा जाता है। वहीं एटिट्यूड बिल्डिंग का अर्थ योगयुक्त होकर कर्म करना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास करना है अर्थात आत्मा, वाणी और मस्तिष्क का विकास। इस शिक्षा नीति का उद्देश्य विद्यार्थियों को किताबी ज्ञान देने के साथ विद्यार्थियों में नवाचार विकसित करना है। कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने विश्वविद्यालय के ध्येय वाक्य योगस्थ कुरू कर्माणि के विषय में बताते हुए कहा कि योग का अर्थ किसी भी प्रकार की परिस्थिति में विचलित न होना है।
कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि एक अच्छा शिक्षक वो होता है जो अपने पूरे जीवन में विद्यार्थियों को केवल देता है लेकिन कुछ भी लेता नहीं है बल्कि वो अपने विद्यार्थियों की सफलता से बहुत खुश हो जाता है। एक बेहतरीन शिक्षक वो होता है जो अपने राष्ट्र के लिये एक बेहतरीन भविष्य की पीढ़ी उपलब्ध कराता है। केवल उचित शिक्षा से ही सामाजिक समस्या, भ्रष्टाचार आदि को खत्म किया जा सकता है जो अंततः एक राष्ट्र को वास्तविक विकास और वृद्धि की ओर ले जायेगा। अपने देश के भविष्य और युवाओं के जीवन को बनाने और उसे आकार देने के लिये इस
महत्वपूर्ण जिम्मेदारी और कार्य को करने के लिये शिक्षकों को दिया जाता है। शिक्षा की ओर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को शिक्षक निभाता है और विद्यार्थियों के वर्तमान और भविष्य को बनाता है। अपने पूरे जीवन भर ढेर सारे विद्यार्थियों को निर्देशित और शिक्षित करने के द्वारा अच्छे समाज का निर्माण करने में शिक्षक एक महान कार्य करता है।
डीन एकेडमिक अफेयर प्रो. मंजूला चौधरी ने कहा कि इस इंडक्शन कार्यक्रम का उद्देश्य विश्वविद्यालय के इको सिस्टम, उपलब्धियों तथा शोध आदि के बारे में नव-नियुक्त शिक्षकों को जानकारी प्रदान करना है। उन्होंने सभी शिक्षकों से आह्वान किया कि वो अपना शिक्षण का ध्येय लक्षित करके विश्वविद्यालय के हित में कार्य करें।
केयू के ट्रेनिंग, प्लानिंग एवं मॉनिटरिंग सेल के नोडल ऑफिसर डॉ. अंकेश्वर प्रकाश ने सभी का मुख्यातिथि सहित सभी का स्वागत करते हुए कि कुलपति प्रो. सोमनाथ के मार्गदर्शन में इस सेल के द्वारा 1600 गैर-शिक्षक कर्मचारियों व अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। वहीं पहली बार इस सेल द्वारा नव-नियुक्त शिक्षकों के यह इंडक्शन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में 32 नवनियुक्त सहायक प्रोफेसरों ने भाग लिया। एचआरडीसी के उप-निदेशक डॉ. सुनील ढुल ने सभी का धन्यवाद किया। मंच का संचालन वर्षा ने किया।
इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. मंजूला चौधरी, महिला चीफ वार्डन प्रो. नीलम ढांडा, प्रो. ब्रजेश साहनी, प्रो. एसके चहल, डॉ. दीपक राय बब्बर, डॉ. नरेश सागवाल, डॉ. कुलदीप सिंह, डॉ. विकास सभ्रवाल, डॉ. नीरज बातिश, मेडिकल ऑफिसर डॉ. आशीष अनेजा, सहायक कुलसचिव डॉ. दीपक शर्मा, डॉ. जितेन्द्र जांगडा, विनोद वर्मा, पवन कुमार, कृष्ण चंद पांडे, कृष्ण ग्रोवर, मनदीप शर्मा, सुनील, वर्षा मौजूद थे।