अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए वैशाली जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी का तबादला जरूरी : अबूबकर सिद्दीकी
एक ही जिला में दोबारा पदस्थापित होने की वजह से अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी का भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है।
हाजीपुर(वैशाली)ज़िला के लोग पिछले कई वर्षों से अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।जरूरतमंद लोग अपनी अर्जी लेकर दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं।वर्तमान वैशाली अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी मोहम्मद साजिद की इसी जिला में दोबारा पदस्थापित होने की वजह से भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है।कार्यालय में दलालों का कब्जा है।पदाधिकारी की उदासीनता,लापरवाही और मानसिक कट्टरता के कारण वैशाली जिले में कोई भी सरकारी योजना लागू नहीं की जा रही है।इस संबंध में वैशाली जिला के जाने-माने बुद्धिजीवी,राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता एवं जनता दल यू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के सक्रिय कार्यकर्ता अबूबकर सिद्दीकी ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि नई रोशनी योजना के तहत अल्पसंख्यक महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए काफी कुछ किया जाना है।इससे पहले अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने एक कार्यक्रम तैयार किया था।जिसका लाभ वैशाली जिले में आज तक किसी भी अल्पसंख्यक महिलाओ को नहीं मिला है और नहीं वैशाली जिले की विधवाओं और तलाकशुदा महिलाओं को सशक्त बनाने में सरकार की मदद पहुंचाई गई है।उन्होंने आगे कहा कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा वैशाली में बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार सृजन के लिए दिया गया ऋण वास्तविक लाभार्थियों को उपलब्ध नहीं कराया गया है।इसी तरह पिछले साल अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा मदरसा शुद्धिकरण योजना के तहत वैशाली में सरकारी मदरसो के भवन निर्माण के लिए कुछ मदरसों का कागजी कार्य पूरा कराया गया था।लेकिन आज तक वैशाली जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी की उदासीनता के कारण मदरसों के भवनों का निर्माण नहीं हो पाया है और न ही भविष्य में ऐसा लगता है कि इन मदरसों के भवनों का निर्माण सरकारी स्तर पर कराया जा सकता है।हालांकि मदरसा प्रशासन का कहना है कि इससे जुड़े अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी की मंशा बिल्कुल भी साफ नहीं है।उन्होंने आगे कहा कि पिछले साल से वैशाली के अल्पसंख्यक छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति नहीं दी गई है। जिससे यहां के लोगों में काफी रोष है। हालांकि कोरोना काल में बिना पेंच पांच और रुकावट के सरकारी योजनाओं का लाभ आम जनता तक अधिक से अधिक पहुंचाने की आवश्यकता थी ताकि लोगों को कोरोना महामारी से हुए नुकसान की कुछ हद तक भरपाई की जा सकती थी।अंत में अबूबकर सिद्दीकी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अल्पसंख्यकों के विकास और सफलता के लिए बहुत संवेदनशील और चिंतित हैं।इसलिए मुख्यमंत्री को चाहिए की अल्पसंख्यक कल्याण के लिए वैशाली के अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी का तबादला जल्द सुनिश्चित करें।ऐसे कार्य न करने वाले पदाधिकारी की वजह से पूरे वैशाली जिले में अल्पसंख्यकों के बीच उनकी छवि दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है।वहीं जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी ने इस संबंध में कहा कि यह सब बेबुनियाद और झूठ बात है।सभी सरकारी योजनाओं का लाभ अल्पसंख्यक समाज के लोगों तक पहुंचाया जा रहा है।मैं खुद अल्पसंख्यक हूं और अल्पसंख्यकों की चिंता मुझसे ज्यादा कौन कर सकता है।इन सभी आरोपों को निराधार बताया है।
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