पशुओं का पशु परिजीवियों से बचाव : डॉक्टर राय
कन्नौज। जलालाबाद कृषि विज्ञान केंद्र मे पशुओं का पशु परिजीवियों से बचाव के विषय पर कन्नौज में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान पशु पालन वैज्ञानिक डॉक्टर सी. के. राय ने पशु पालकों को बताया कि, पशुओं मे अंतः तथा बाह्य दो तरह के परिजीवी पाये जातें है l अंतः परिजीवियों मे गोलकृमि, हुक कृमी, चपटी कृमी तथा पटेरे मुख्य हैं. जबकी बाह्य परीजीवीओ में जुये, किलनी, अठाईई , डांस मखी प्रमुख हैं । जो पशुओं कि त्वचा से चिपक कर खून चूसते रहते हैं । यदि इनका ठीक से इलाज न किया जाये तो पशु का उत्पादन घट जाता है। पशु की आँखों से कीचड़ आने लगता है । कब्ज हो जाता है, तथा पशु गर्भ भी धारण नही करता है। बाह्य परिजीवियों से बचाव हेतु पशुओं को नियमित रूप से नहलाना चाहिए। प्रशिक्षण कार्यक्रम मे मौसम वैज्ञानिक अमरेंद्र यादव तथा अमित प्रताप सिंह ने भी अपने विचार रखे। तथा बताया की पशुओं के लगातार भीगने पर चमड़ी की बीमारियां हो जाती हैं l