रिपोर्ट पदमाकर पाठक
श्रीमद् भागवत कथा में कथावाचक श्याम सुंदर पराशर रहे।
आजमगढ़। बिन्नानी गार्डन मे 11 सितंबर से 18 सितंबर 2022 आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में कथावाचक श्याम सुंदर पराशर ने भगवान कृष्ण-रुक्मणी विवाह प्रसंग सुनाया। श्रद्धालुओं ने भगवान कृष्ण-रुक्मणी विवाह को एकाग्रता से सुनी। भगवान कृष्ण -रुक्मणि का वेश धारण किए कलाकारों पर भारी संख्या में आए श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया I श्रद्धालुओं ने विवाह के मंगल गीत गाए। परिवार, प्रसंग में कथावाचक ने बताया कि रुक्मणी विदर्भ देश के राजा भीष्म की पुत्री और साक्षात लक्ष्मी का अवतार थी। रुक्मणी ने जब देवर्षि नारद के मुख से भगवान कृष्ण के रूप, सौंदर्य एवं गुणों की प्रशंसा सुनी तो उसने मन ही मन उनसे विवाह करने का निश्चय किया। रुक्मणी का बड़ा भाई रुक्मी भगवान कृष्ण से शत्रुता रखता था और अपनी बहन का विवाह चेदिनरेश राजा दमघोष के पुत्र शिशुपाल से कराना चाहता था। रुक्मणी को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने एक ब्राह्मण संदेशवाहक द्वारा भगवान कृष्ण के पास अपना परिणय संदेश भिजवाया। तब भगवान कृष्ण विदर्भ देश की नगरी कुंडीनपुर पहुंचे और वहां बारात लेकर आए शिशुपाल व उसके मित्र राजाओं शाल्व, जरासंध, दंतवक्त्र, विदु रथ और पौंडरक को युद्ध में परास्त करके रुक्मणी का उनकी इच्छा से हरण कर लाए। वे द्वारिकापुरी आ ही रहे थे कि उनका मार्ग रुक्मी ने रोक लिया और कृष्ण को युद्ध के लिए ललकारा। तब युद्ध में भगवान कृष्ण व बलराम ने रुक्मी को पराजित करके दंडित किया। तत्पश्चात उन्होंने द्वारिका में अपने संबंधियों के समक्ष रुक्मणी से विवाह किया।
इस भागवत आरती मे गोपाल दास, रमेश चंद्र, खेमराज, राज, शशांक, मधुकर, रितेश, चंदन, मनीष,सुदर्शन दास, चंद्रकांत तिवारी आदि मौजूद रहे।