यशोदा जयंती आज, जानें माताओं के लिए क्यों खास माना गया है यह व्रत, नोट कर लें पूजा विधि व शुभ मुहूर्त
रिपोर्ट-आदित्य चतुर्वेदी
अजमतगढ़-आजमगढ़-(देश) सच्ची खबरें सबसे पहले
हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को यशोदा जयंती मनाते हैं। इस साल यशोदा जयंती आज यानी 4 मार्च 2021 (गुरुवार) को है। माना जाता है कि आज के दिन ही भगवान कृष्ण की पालनहार मां यशोदा का जन्म हुआ था। इस दिन भक्त भगवान श्रीकृष्ण और माता यशोदा की विधि-विधान से पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस दिन उपवास रखने से संतान प्राप्ति की कामना रखने वालों को लाभ होता है।
यशोदा जयंती महत्व-
यशोदा जयंती पर माताएं उपवास रख संतान के सुख के लिए मंगलकामनाएं करती हैं। मान्यता है कि इस दिन संतान सुख से वंचित लोग अगर माता यशोदा का व्रत रखकर विधिपूर्वक पूजा करते हैं, उन्हें भी संतान सुख प्राप्त हो जाता है। कहा जाता है कि माता यशोदा नाम ही यश और हर्ष देने वाला है, जिसके चलते इस व्रत को रखने वालों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उनके जीवन की कठिनाइयों में कमी आती है।
यशोदा जयंती का शुभ मुहूर्त-
षष्ठी तिथि प्रारंभ- 4 मार्च, रात 12 बजकर 21 मिनट से।
षष्ठी तिथि समाप्त- रात 09 बजकर 58 मिनट पर।
यशोदा जयंती पूजन विधि-
प्रातः काल स्नान आदि कर मां यशोदा का ध्यान करते हुए भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति सामने रखकर दीपक जलाएं। मां यशोदा जी के नाम की लाल चुनरी पूजा स्थल पर कलश पर रखें। मां को मिष्ठान और भगवान कृष्ण को मक्खन का भोग लगाएं। गायत्री मंत्र के जाप के साथ भगवान विष्णु की आरती करें। अंत में मन ही मन अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
यशोदा जयंती की पौराणिक कथा-
मान्यता के अनुसार पूर्व जन्म में माता यशोदा जी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें वर दिया था कि उन्हें मातृत्व सुख अपने आप ही से प्राप्त होगा। गीता के अनुसार समय के साथ ऐसा ही हुआ। भगवान श्री कृष्ण देवकी एवं वासुदेव की आठवीं संतान के रूप में प्रकट हुए, लेकिन पिता वासुदेव उन्हें कंस के भय से नंद बाबा एवं यशोदा मैया के घर छोड़ आए। माता को मिले वरदान के अनुसार मां यशोदा ने ही कृष्ण को मातृत्व का सुख प्रदान किया।۔۔