उत्तराखंड: आत्मा प्रंशसा चुनावी लोकलुभावन से भरा है त्रिवेद सरकार का बजट, रविंद्र जुगरान(आप नेता)
सार:- जीरों वर्क, जीरों विजन, घोषणाएं ज्यादा, काम कम
प्रभारी संपादक उत्तराखंड
सागर मलिक
आप नेता रवींद्र जुग रान ने आज गैरसैंण में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के द्वारा 2021_22 का बजट पेश करने पर सवाल खड़ा करते हुए इस बजट को महज चुनावी बजट बताया। आप नेता ने कहा , इस बजट से उतराखंड को लोगों को हर बार की तरह इस बार भी नाउम्मीदी ही हाथ लगी। उन्होंने मुख्यमंत्री का बजट, भाषण और सिर्फ अपनी पीठ ठोकने तक ही सीमित बताया । इसके अलावा उन्होंने जोशीमठ आपदा में प्रशासनिक निकम्मेपन को भी आत्म प्रशंशा से ढकने की कोशिश की ।
रवींद्र जुग रान ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने शिक्षा के लिए बजट कुल बजट का 16 प्रतिशत रखा जबकि दिल्ली सरकार ने शिक्षा के बढावे के लिए 24 प्रतिशत का प्रावधान है । स्वास्थ के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा कुल बजट का 5 प्रतिशत बजट रखा गया जबकि दिल्ली सरकार स्वास्थ्य पर कुल बजट का 13 प्रतिशत खर्च करती । वहीं पिछले साल के बजट पर भी सवाल उठाते हुए रविंद्र जुग रान ने कहा,अभी तक पिछले साल के बजट का उत्तराखंड सरकार महज 54 प्रतिशत ही खर्च कर पाई ऐसे में ये 2021_22 का बजट सिर्फ भाषण तक ही सीमित दिखाई देता है ।
इसके अलावा आप नेता ने कहा, इन चार सालों में ऐसी को भी योजना सरकार परवान नहीं चढा पाई लेकिन मुख्यमंत्री ने अपने पूरे बजट भाषण में उनका ही गुणगान किया है,
जिन योजनाओं की पोल पूरे प्रदेश में आए दिन खुल रही हैं। कोरोना महामारी के बाद आए इस बजट से प्रदेश की जनता बड़ी उम्मीदें लगाए हुई थी, लेकिन जनता के हाथ एक बार फिर निराशा लगी। कोरोना महामारी में प्रदेश के लाखों युवा बेरोजगार हुए हैं, पर्यटन उद्योग समेत छोटे-बड़े उद्यमियों का कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है, ऐसे में सरकार से एक मरहम लगाने की उम्मीद इस बजट से थी लेकिन इस बजट ने इस उम्मीद को ही तोड़ दिया है। आप नेता ने बताया कि रोजगार से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के क्षेत्र में इस बजट में कुछ भी नया नहीं है। हर क्षेत्र के लिए खालिस जुमलेबाजी का सहारा लिया गया है। ना तो जन कल्याणकारी योजनाओं के लिए पर्याप्त धनराशि का प्रावधान किया गया है ,और ना ही यह बताया गया है कि, पुरानी योजनाओं को पूरा करने के लिए पैसे कहां से आएगा।
आप नेता ने बताया कि राज्य की माली हालत दिन प्रति दिन खराब होती जा रही है, लेकिन त्रिवेंद्र सरकार यह बताने में नाकाम रही है कि राज्य के लिए नए आय के स्त्रोत कैसे बढ़ाए जाएंगे। इस बजट में न तो पिछली गलतियों से सबक सीखा गया है और न ही आने वाले कल को लेकर कोई विजन है। उन्होंने कहा कि इस बजट से जनता को झूठे प्रलोभन में फंसाने की सरकार ने पूरी तैयारी की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री 4 साल तक सोए रहे और अब जनता को जब काम दिखाने की बारी आई तो अब जनता को झूठे प्रलोभन दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि गैरसैंण को नया मंडल बनाने की घोषणा भी की गई है जो सिर्फ एक जुमेलबाजी है और कुछ नहीं। उन्होंने कहा कि इससे पहले दो मंडल प्रदेश में थे लेकिन इन दो मंडल होने के बावजूद भी जनता के कितने कार्य पूरे हो पाए। ये सिर्फ जुमलेबाजी है और इस बजट से जनता को नाउम्मीदी ही हाथ लगी है। ये बजट जीरो वर्क सीएम का जीरो बजट है।
इसके अलावा रविंद्र जुग रान ने कहा,सरकार स्वरोज़गार पर अपनी पीठ थप थापा रही है, पर आज भी प्रदेश में 8 लाख से ज्यादा युवा बेरोजगार हैं आज भी उत्तराखंड की गर्भवती महिलाएं सड़क पर जच्चा-बच्चा सहित दम तोड़ने को मजबूर हैं. जो सरकार महिलाओं के सुरक्षित प्रसव की गारंटी नहीं दे पायी, उससे स्वास्थ्य पर क्या उम्मीद की जा सकती है जबकि स्वास्थ्य सेवाओं के बुरे हाल हैं और त्रिवेंद्र सरकार सरकारी अस्पताल में सुविधा देने की बजाय इन अस्पतालों को प्राइवेट एजेंसियों को देने का काम कर रही है।