प्राकृतिक खेती एवं जल संरक्षण की आवश्यकता
✍️ कन्नौज रिपोर्टर प्रशांत त्रिवेदी
कन्नौज । कृषि विज्ञान केंद्र, अनौगी जलालाबाद पर गौ आधारित प्राकृतिक खेती व जल संरक्षण पर किसान मेला व गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डॉ वीके कनौजिया ने की, जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष प्रिया शाक्य मुख्य अतिथि रही। उन्होंने किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया। उनका कहना है कि आने वाले समय में प्राकृतिक खेती ही समाधान देगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक किसान को कुछ क्षेत्रफल पर करना चाहिए । केंद्र के अध्यक्ष डॉ वी के कनौजिया ने किसानों से वार्ता करते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती समय की आवश्यकता है क्योंकि रसायनों व कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग करके हमने अपना और भूमि का स्वास्थ्य खराब कर लिया है जिसके कारण हमारी मिट्टी दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है और उसकी उर्वरा शक्ति भी नष्ट होती जा रही है मिट्टी का स्वास्थ्य खराब होने के कारण फसलों की गुणवत्ता भी नष्ट हो रही है। अतः हमें अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए गौ आधारित प्राकृतिक खेती को अपनाना ही पड़ेगा। कार्यक्रम में केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अरविंद कुमार वैज्ञानिक मृदा विज्ञान ने गौ आधारित खेती के लिए जीवामृत घनाअमृत वीजामृत नीमस्त्र आदि पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी व इसके उपयोग पर चर्चा की। इसी क्रम में नवीन शाक्य भाजपा किसान मोर्चा ने भी किसानों से प्राकृतिक खेती करने का अनुरोध किया । केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ सी के राय ने प्राकृतिक खेती के लिए पशुओं का प्राकृतिक विधि से पालन करने की बात कही एवम सिंधी व साहीवाल गाय को गौ आधारित खेती के लिए अच्छी नस्ल बताइ। साथ ही केंद्र के प्रसार वैज्ञानिक डॉ सुशील कुमार ने वर्मी वाश बनाने की जानकारी देते हुए किसानों से कहा कि आलू के खेत में 30 से 35 दिन व 60 से 65 दिन पर इसका छिड़काव करें।केंद्र की गृह ज्ञानिक डॉ चंद्रकला यादव ने किसानों से प्राकृतिक विधि से गृह वाटिका लगाने का अनुरोध किया।l कार्यक्रम में इफ्को के एरिया मैनेजर मान सिंह ने जैव उर्वरकों के प्रयोग पर चर्चा की।कार्यक्रम में अमरेंद्र कुमार, पीएस कटिहार, अमित कुमार सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।