मध्य प्रदेश/ रीवा/ हर माह सीएम हेल्पलाइन में आ रही औसतन 5 हजार शिकायतें*
ब्यूरो चीफ// राहुल कुशवाहा रीवा मध्य प्रदेश..8889284934
भोपाल/रीवा कोरोना के बाद हुए अनलॉक के बाद से बीते साल जुलाई से दिसंबर की अवधि में हर माह औसतन करीब 5 हजार शिकायतें सीएम हेल्पलाइन में आ रही हैं। इनमें भी सर्वाधिक शिकायतें विंध्य अचंल से आ रही हैं। यह शिकायतें भी पुलिस से संबधित होती हैं। खास बात यह है कि इस अंचल के तहत आने वाले रीवा जोन में महज चार जिले आते हैं, लेकिन उनमें से सर्वाधिक शिकायतें इसी जोन से ही आती हैं। इनमें से पचास फीसद शिकायतें तो ऐसी होती हैं, जो गलत पाई जाती हैं। इस मामले में सबसे अच्छी स्थिति बालाघाट जोन की है। सीएम हेल्पलाइन में एक जुलाई से 31 दिसंबर के बीच कुल 30856 शिकायतें मिली हैं, जिनमें पुलिस अधीक्षक (एल-टू स्तर) की करीब 7 हजार शिकायतें शामिल हैं। इन प्राप्त शिकायतों के निराकरण का प्रतिशत 83.69 फीसदी रहा है। अगर जोन वार शिकायतों पर नजर डालें तो इस अवधि में सर्वाधिक चार हजार शिकायतें रीवा जोन से आई हैं। इस जोन में महज रीवा, सतना, सिंगरौली और सीधी सहित चार जिले शामिल हैं। इस अंचल की करीब 35 फीसदी शिकायतों का निराकरण कर दिया गया है। इसकी वजह है इस इलाके में यहां ज्यादातर शिकायतें आपसी रंजिश, लोगों के खिलाफ झूठी तथा सरकारी विभागों के खिलाफ शिकायतें अधिक होती हैं। इसी तरह भोपाल जोन में करीब तीन हजार शिकायतें आई, जिनमें से अधिकांश का निराकरण किया जा चुका है।
एक साल की यह है हालत: एक साल में सीएम हेल्पलाइन में कुल डेढ़ लाख शिकायतें मिली। इनमें सर्वाधिक पुलिस की करीब 68 हजार शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से एक लाख से अधिक शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है, जबकि 62 हजार शिकायतों में पुख्ता प्रमाण नहीं मिलने की वजह से उन्हें बंद कर दिया गया। इनमें भी सबसे अधिक शिकायतें महिलाओं द्वारा ससुराल पक्ष के खिलाफ की गईं। इनमें भी खास बात यह है कि शिकायतों का उद्देश्य सिर्फ ससुराल पक्ष के लोगों को जेल भिजवाना रहा है। इनमें भी एल-वन पर निरीक्षक स्तर पर जांच होती है अगर एक पखवाड़े में वहां निराकरण नहीं होता है तो फिर उसे एल-2 एसपी रैंक पर जांच के लिए भेज दिया जाता है। इसके बाद एल-3 पर डीआईजी और आखिर में एल-4 पर पीएचक्यू स्तर पर निराकरण किया जाता है। खास बात यह है कि पुलिस मुख्यालय स्तर पर अधिकारी शिकायत जांच की संतुष्टि के लिए शिकायतकर्ता से फोन पर बात कर उसे रिकॉर्ड में लिया जाता है।