ग्वालियर मध्यप्रदेश
ग्वालियर में दिनदहाड़े हुई 1करोड़ 20 लाख रुपए की लूट में पुलिस 6 घंटे में ही खुलासा कर दिया है। कंपनी के एक कर्मचारी ने अपने साथियों के साथ मिलकर लूट की प्लानिंग की थी। पुलिस ने कम्पनी के ड्राइवर ,उसके एक साथी सहित 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।वही एक आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।खास बात यह है कि लूटा गया पूरा पैसा भी बरामद कर लिया है।
दरअसल ग्वालियर की हरेंद्र ट्रेंडिंग कम्पनी में हर सप्ताह कम्पनी का ड्राइवर और अकाउंटैंट दोनों कर्मचारी मोटी रकम लेकर कंपनी दफ्तर से बैंक जाते थे, लेकिन बार-बार इतनी रकम ले जाने पर ड्राइवर प्रमोद गुर्जर की नीयत डोल गई। जिसके बाद उसने अपने एक रिश्तेदार सहित दो साथियों के साथ मिलकर शहर की सबसे बड़ी लूट की प्लानिंग कर उसे अंजाम तक पहुंचाया। पर CCTV फुटेज में विरोध न करना और बीच बाजार में आराम से लुट जाने पर पुलिस को संदेह हुआ। लूट की कहानी बार-बार पूछी तो कर्मचारी टूट गया फिर पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा किया है। वहीं पुलिस के खुलास के बाद ऊर्जा मंत्री प्रघुम्न सिंह तोमर नंगे पैर एसपी ऑफिस पहुंचे। उन्होनें पुलिसकर्मियों को सम्मान के तौर पर एक-एक हजार रूपए का नगद पुरस्कार दिया है। आपको बता दें कि पुलिस पूछताछ में पकड़े गए आरोपियों ने बताया है कि उन्होंने लूट करने से पहले घटनास्थल का पूरा निरीक्षण कर लूट की रिहर्सल की थी। जिसके बाद उन्होंने यह लूट की झूठी घटना को अंजाम दिया है। लेकिन लूटी गई रकम का हिस्सा करके आरोपी भाग पाते इससे पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गए। आपको बता दें कि मेहताब सिंह गुर्जर ट्रांसपोर्टर हैं। उनका डीडी नगर में हरेन्द्र ट्रेडिंग नाम से कंपनी का दफ्तर है और इस कंपनी में बाल किशन साहू भी साझेदार हैं। यहां प्रमोद गुर्जर व सुनील शर्मा कर्मचारी हैं। आज सुबह कंपनी के कर्मचारी, कंपनी की कार हुंडई वरना MP07 CF-6430 से इंदरगगंज बैंक ऑफ बडौदा के लिए निकले थे। डिक्की में उन्होंने रुपयों से भरा कार्टन रख लिया। जिसमें 1.20 करोड़ रुपए थे, जबकि 30 लाख रुपए कार की सीट पर एक बैग में रखे थे। यह दो दिन शनिवार और रविवार का कलेक्शन था। दोपहर में जैसे ही यह कर्मचारी बैंक के पास छप्परवाला पुल से राजीव प्लाजा वाली गली में पहुंचे थे तभी वहां दो लुटेरों ने कट्टा अड़ाकर कार की डिक्की खुलवाई और रुपयों से भरा कार्टन लूटकर ले गए। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और पड़ताल शुरू कर दी है। प्रारंभिक पड़ताल में पुलिस को कर्मचारियों पर ही संदेह हुआ था, जिसके बाद यह पूरा खुलासा हुआ।
ग्वालियर मध्य प्रदेश से जिला रिपोर्टर विनय त्रिवेदी की रिपोर्ट