अभिभावक विद्यालय व समाज के सहयोग से होगा बालक का विकास,
कुवि में नई शिक्षा नीतिः नए भारत की नींव विषय पर विभिन्न वेबिनार आयोजित।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र, 6 मार्च :- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान की प्रिंसिपल डॉ. तरूणा चौधरी ढल ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत बच्चे का संपूर्ण विकास तभी होगा जब माता-पिता, विद्यालय व समाज परस्पर मिलकर एक साथ प्रयास करेंगे। समाज के यह तीनों स्तंभ यदि एक साथ प्रयास करेंगे तो निश्चित तौर पर नए भारत का निर्माण होगा तथा जिस सोच के तहत नई शिक्षा नीति का मसौदा तैयार किया गया है वह लक्ष्य अवश्य प्राप्त होगा। वे शनिवार को यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी मॉडल स्कूल में नई शिक्षा नीतिः नए भारत की नींव विषय पर आयोजित वेबिनार ने बतौर में मुख्य वक्ता बोल रही थी।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य मानव का विकास है। स्कूल का इस तरह से वह वेबिनार आयोजित करना एक अच्छा प्रयास है। शायद कुछ अभिभावक पहली बार इस तरह के वेबिनार में भाग ले रहे होंगे लेकिन इस वेबिनार से उन्हें लाभ होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा नीति तो पहले भी थी लेकिन समय के साथ-साथ बदलाव होता है और जो कमी या जो लक्ष्य छूट गए हैं। उन्हें पूरा करने के लिए नई नीति बनाई है। बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए सरकार ने नई नीति का प्रारूप बनाया है और आने वाले समय में इसके सार्थक परिणाम हमारे सामने होंगे। नई नीति को लागू करने में माता-पिता की अहम भूमिका है और उनकी जिम्मेवारी भी अधिक है। माता-पिता का काम बच्चों को साधन उपलब्ध कराना नहीं बल्कि यह भी देखना है कि बच्चे उस साधन का सही उपयोग कर रहे हैं या नहीं। माता-पिता को बच्चों के साथ बात करनी चाहिए और एक विश्वास की भावना पैदा करनी चाहिए जिससे बच्चों के मन में किसी प्रकार का संकोच ना रहे। अनुशासन व प्यार एक सिक्के के दो पहलू हैं अभिभावकों को यह तय करना होगा कि वह अपने बच्चों को प्यार के साथ अनुशासन में रखें। शिक्षा को परीक्षात्मक न रखकर सतत प्रक्रिया बनाना होगा जिससे बच्चों का संपूर्ण विकास होगा। उन्हांने कहा कि इसके साथ-साथ हमें समाज के अनुभवी लोगों का लाभ लेना होगा तभी घर, स्कूल व समाज का त्रिकोण पूरा होगा।
स्कूल के प्रधानाचार्य डॉ. एमएम सिंह ने मुख्य वक्ता का परिचय देकर नई शिक्षा नीति के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि जल्दी ही स्कूल परिसर में नई शिक्षा नीति में हो रहे बदलाव को देखा जाएगा। बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ रोजगारमुखी संस्कारवान शिक्षा भी दी जाएगी ताकि बच्चे स्कूल शिक्षा के बाद अपने पैरों पर खड़े हो सके। इसके साथ अभिभावकों को स्कूल के साथ जोड़ा जाएगा तथा साल में कुछ दिन बैग फ्री दिन निश्चित किए जाएंगे। बच्चों को भाषा की दिक्कत ना हो इसकी व्यवस्था की जाएगी।
स्कूल की वाइस चेयरमैन प्रोफेसर शुचिस्मिता ने कहा कि हम निश्चित तौर पर विद्यालय परिसर में अनुभवी शिक्षकों का लाभ लेंगे ताकि बच्चों का सम्पूर्ण विकास हो सके। उन्होनें स्कूल के प्रधानाचार्य के प्रयासों की खुले दिल से तारीफ की और कहा कि जिस दिशा में काम किया जाना है, उस दिशा में ही सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने मुख्य वक्ता का भी धन्यवाद किया। वेबिनार का संचालन स्कूल की शिक्षिका नीतिका ने किया। इस अवसर पर सैंकड़ों अभिभावकों, स्कूल के शिक्षकों व गैर शिक्षक कर्मचारियों व छात्रों ने वेबिनार में भाग लिया।