कन्नौज
आत्मनिर्भर बन महिलाओं को दे रही रोजगार
जिला संवाददाता प्रशांत कुमार त्रिवेदी/सुमित मिश्रा
कन्नौज के ग्राम उदैतापुर की
सुनीता ने राष्ट्रीय आजीविका मिशन योजना के तहत स्वयं सहायता समूह बनाकर न केवल अपनी आर्थिक और सामाजिक स्थिति को मजबूत किया बल्कि करीब 2500 से ज्यादा महिलाओं को स्वयं सहायता समूह से जोड़कर उनको भी आत्मनिर्भर बनाया। उन्होंने बताया कौन सो काज कठिन जग माही इस संसार में कोई भी कार्य कठिन नहीं है महिलाओं को सशक्तिकरण हेतु आत्मनिर्भर बनने पर जोर दिया है सुनीता आटा, दाल, चावल और पिसी धनिया की पैकिंग करती हैं | मूल रूप से मैनपुरी जिले के जासामई निवासी सुनीता अपने पति कृष्ण बिहारी और तीन छोटे-छोटे बच्चों के साथ रहती थीं, इसी बीच 10 वर्ष पहले उनके पति कृष्ण बिहारी की मौत हो गयी | उस वक्त छोटे-छोटे तीन बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी उनके लिए मुसीबतों के पहाड़ के रूप में थी । उन्होंने हार नहीं मानी और न सिर्फ स्वयं सहायता समूह बनाकर बच्चों की परवरिश की बल्कि दूसरों को भी रोजगार दिया । सुनीता चौहान बताती हैं कि विवादों के चलते उन्होंने ससुराल छोड़कर अपने ससुर की ननिहाल उदैतापुर में आकर रहने लगीं । यहां आकर उन्होंने राष्ट्रीय अजीविका मिशन योजना के तहत गाँव की कई महिलाओं के साथ मिलकर और स्वयं सहायता समूह बनाकर धीरे-धीरे आसपास के गांव की करीब 2500 महिलाओं को समूह से जोड़ा।
उन्होंने बताया कि वह प्रतिदिन 5 से 10 महिलाओं को बुलाती हैं जो चक्की पर दाल, मसालों, धनिया और आटा को पीसने, छानने और पैकिंग का काम करती हैं। सुनीता ने कहा जब देश पर कोरोना जैसी मुसीबत आई तब भी उन्होंने अपना काम जारी रखा और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सभी को काम दिया। इस तरह आज सुनीता अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ा रही हैं और समूह से जुडी महिलाएं भी अपने घर को अच्छे से चला रहीं हैं |अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) पर सुनीता के संघर्षों की कहानी उन महिलाओं के लिए प्रेरणा का काम करेगी जो मुसीबतों में जिन्दगी से हताश और निराश हो जाती हैं | वह सभी महिलाएं आत्मनिर्भर बने