महानिर्वाणी के इष्ट गुरु कपिल मुनि की जन्म भूमि पर पहुंचे महामंडलेश्वर विद्या गिरि, महंत बंशी पुरी, महंत जगन्नाथ पुरी एवं अनेकों संत महापुरुष।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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महामंडलेश्वर एवं संत महापुरुषों के साथ महंत जगन्नाथ पुरी ने इष्ट गुरु कपिल मुनि की जन्म भूमि के किए दर्शन।
कुरुक्षेत्र, 22 दिसम्बर : धर्मनगरी कुरुक्षेत्र से गुजरात सोमनाथ तथा अन्य तीर्थों के लिए संत महापुरुषों के जत्थे के साथ गए अखिल भारतीय श्री मार्कंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के इष्ट गुरु भगवान कपिल मुनि की जन्म भूमि सिद्ध पुर गुजरात पहुंचे। इस मौके पर महंत जगन्नाथ पुरी के साथ महंत बंसी पुरी, महामंडलेश्वर स्वामी विद्या गिरि, महंत लक्ष्मी नारायण पुरी, महंत केशव गिरि, स्वामी महेश पुरी, स्वामी मणि पुरी एवं अनेकों संत महापुरुष मौजूद थे। संत महापुरुषों ने इष्ट गुरु भगवान कपिल मुनि की जन्म भूमि के दर्शन किए एवं पूजन किया। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि भगवान विष्णु ने पांचवा अवतार कपिल मुनि जी के रूप में लिया। इनके पिता का नाम महर्षि कर्दम मुनि व माता का नाम देवहूति था। सिद्ध पुर महर्षि कर्दम मुनि की तप स्थली है। महर्षि कर्दम मुनि की तपस्या से प्रसन्न हो कर भगवान विष्णु के नेत्रों से आंसू निकले। जिससे बिंदु सरोवर बना। यहीं पर माता देवहुती को मोक्ष प्राप्ति के लिए सांख्ययोग की शिक्षा दी। मोक्ष प्राप्ति के लिए सांख्य शास्त्र का उपदेश दिया व रचना की। माता महाज्ञानी पुत्र से ईश्वर प्राप्ति का बोध पाकर उनकी माता पूजा-पाठ, जप-तप, ध्यान योग में रम गईं। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि सिद्ध पुर को मातृ गया तीर्थ का नाम दिया गया। सम्पूर्ण भारत वर्ष से लोग यहां माता का श्राद्ध करने पहुंचते हैं।
संत महापुरुष दर्शन एवं नमन करते हुए।