श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के बड़े साहिबजादे बाबा अजीत सिंह,जुझार सिंह एवं छोटे साहिबजादे फ़तेह सिंह,जोरावर सिंह व माता गुजर कौर की लासानी शहादत को याद करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र, 26 दिसम्बर : आज़ादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अन्तर्गत कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा के दिशा-निर्देश एवं मार्गदर्शन में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पंजाबी विभाग में 26 दिसंबर को पंजाबी व युवा एवं सांस्कृतिक विभाग द्वारा श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के बड़े साहिबजादे बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह एवं छोटे साहिबजादे बाबा फ़तेह सिंह, बाबा जोरावर सिंह व माता गुजर कौर की लासानी शहादत को याद करते हुए अरदास कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।पंजाबी विभाग के अध्यक्ष डॉ.कुलदीप सिंह ने कहा कि साहिबजादों की शहादत की शौर्य गाथा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने साहिबजादों के अदभुत शौर्य एवं शहादत की अमिट याद को भारतीय लोगों के मन मस्तिष्क पर उकेरने के लिए गत वर्ष 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था।
उन्होंने कहा कि श्री गुरु गोबिंद जी के चारों साहिबजादों की शहादत विश्व भर के इतिहास में सबसे ज्यादा दर्दनाक और दिल में कंपन पैदा करने वाला घोर पाप का साका है। यह लासानी शहादत साहिबजादों के अंदर जूझ मरने औए सिक्खी सिदक की भावना के साथ ज़ुल्म के तशदद के विरुद्ध, धार्मिक स्वतंत्रता के लिए डटकर मुकाबला करने की भावना को प्रकट करती है।डीवाईसीए के निदेशक डॉ. महासिंह पूनिया ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व मे 21 दिसंबर से 27 दिसंबर तक के समय को शहीदी सप्ताह के रूप में याद किया जाता है। इन दिनों में विश्व भर का सिक्ख समाज साहिबजादों के धर्म एवं मानव रक्षा के लिए दिए गए बलिदान को याद करता है। इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के प्रधान डॉ. आनन्द कुमार एवं महासचिव डॉ. जितेंद्र कुमार, प्राणी शास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ. दीपक रॉय बब्बर, पूर्व कुटा प्रधान प्रो. परमेश कुमार, भाई मनजीत सिंह, पंजाबी विभाग के शोधार्थी रवि सिंह, गुरप्रीत सिंह, बलजीत सिंह, मलकीत सिंह, मनप्रीत कौर एवं अन्य विभागों के विद्यार्थी मौजूद रहे।