भक्ति सिद्धांत के अद्भुद ज्ञाता थे श्रील जीव गोस्वामी महाराज।
सेंट्रल डेस्क संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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उत्तरप्रदेश वृन्दावन : सेवाकुंज क्षेत्र स्थित ठाकुर श्रीराधा दामोदर मन्दिर में चल रहे विश्वगुरु श्रील जीव गोस्वामी महाराज के त्रिदिवसीय तिरोभाव महोत्सव के अंतर्गत संत – विद्वत सम्मेलन का आयोजन मंदिर की प्रधान सेवायत आचार्या तरुलता गोस्वामी (मां गोसाईं) के पावन सानिध्य में सम्पन्न हुआ।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए अंबाला के मोहड़ा धाम पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर स्वामी विकास दास महाराज ने कहा कि श्रील जीव गोस्वामी महाराज गौडीय सम्प्रदाय के छ: गोस्वामियों में से एक प्रमुख गोस्वामी थे। चैतन्य महाप्रभु के निर्देश पर हुए उनके ब्रज पदार्पण के बाद ब्रज के स्वरूप में असाधारण परिवर्तन आया साथ ही यहां भक्ति का उत्कृष्ट स्वरूप परिलक्षित हुआ।
भक्ति वेदांत मधुसूदन गोस्वामी महाराज (विश्वबंधु) व डॉ. अधिकारी गुरुजी ने कहा कि श्रील जीव गोस्वामी पर भगवान श्रीकृष्ण की अनन्य कृपा थी।जिसके चलते उन्होंने असंख्य व्यक्तियों को भक्ति की उच्चतम शिक्षा प्रदान करके उनका कल्याण किया।
ब्रज साहित्य सेवा मंडल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व ब्रजभूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि ठाकुर श्रीराधा दामोदर महाराज का प्राकट्य श्रील जीव गोस्वामी महाराज के हाथों से ही हुआ था। वे भक्ति सिद्धांतों के अद्भुद ज्ञाता थे। उनमें अलौकिक पांडित्य समाविष्ट था।उनके द्वारा 25 से भी अधिक ग्रंथों का प्रणयन हुआ।
हिन्दू महासभा के कोषाध्यक्ष पंडित दिनेश कौशिक व युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा ने कहा कि श्रील जीव गोस्वामी महाराज चैतन्य महाप्रभु के प्रमुख पार्षद थे। वे सभी शास्त्रों के प्रकांड विद्वान थे। साथ ही वे शुद्ध रागानुगा भक्ति के परम् उपाशक थे।
महोत्सव में आचार्य तरुण गोस्वामी, आचार्य करुण गोस्वामी, आचार्य कृष्ण बलराम गोस्वामी, आचार्य पूर्णचंद्र गोस्वामी, मथुरा बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष सर्वेश शर्मा (एडवोकेट), परमेश्वर दास, दामोदर महाराज, प्रख्यात चित्रकार द्वारिका आनंद, साधु महाराज,पार्षद वैभव अग्रवाल, डॉ. कृष्ण मुरारी, डॉ. अशोक अग्रवाल, जगन्नाथ पोद्दार, दाऊजी मन्दिर के सेवायत दीपक गोस्वामी एवं दानबिहारी खंडेलवाल आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने एवं धन्यवाद ज्ञापन एडवोकेट आचार्य पूर्णचंद्र गोस्वामी ने किया।