पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच में रिसीवर नहीं बैठेगासंवाददाता राजकुमार केसरवानी हल्द्वानी
जमीन पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच की थी मंच की ही रहेगी,,,भगत
पर्वतीय समाज का आदर किया जाएगा ,,, उप जिलाधिकारी।
हल्द्वानी , पर्वतीय समाज की एक बड़ी पंचायत पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच मे बुलाई गई थी,पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच की महापंचायत में उपस्थित पूर्व कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत ने घोषणा की कि उप जिला अधिकारी आपका ज्ञापन लेने के लिए मंच में ही आएंगे इसीलिए जुलूस के रूप में उप जिलाधिकारी कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं है, उन्होंने कहा कि पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच में कोई भी रिसीवर नहीं बैठेगा उन्होंने मुख्यमंत्री व जिलाधिकारी से बात कर ली है। उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में घोषणा की पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच की जमीन मंच की थी और मंच की ही रहेगी । मंच मे चलने वाले कार्यक्रम पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच पहले की भांति करता रहेगा,किसी का दखल नहीं रहेगा, वहां उपस्थित पूर्व विधायक नवीन दुमका ने भी कहा मंच की जमीन किसी भी प्रकार का कब्जा नही होने दिया जाएगा,
और इस जमीन की लड़ाई के लिए हमने भी भाग लिया था । यह पर्वतीय सांस्कृतिक धरोहर है ,इसकी रक्षा करना पूरे पर्वतीय समाज की जिम्मेदारी है,साथी ही मंच के संस्थापक सदस्य हुकुम सिंह कुंवर ने कहा कि हम अपनी संस्कृति के लिए एकजुट हैं और हमारी संस्कृति को कोई भी नुकसान नहीं पहुंचा सकता। बैठक की अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर तिवारी और संचालन हुकुम सिंह कुंवर द्वारा किया गया। बैठक के बाद एक धन्यवाद रैली मंच से गोलज्यू मंदिर तक गई जिसमें छोलिया नृत्य के साथ सैकड़ों की संख्या में लोग गोलज्यू का आभार व्यक्त करने के लिए गोलज्यू मंदिर गये।सभा में अन्य वक्ताओं में शामिल हुए लोगों में लक्ष्मण सिंह लमगड़िया,
सतीश नैनवाल ने कहा कि हमारी संस्कृति हमारी विरासत है इसकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है पूर्व चेयरमैन हेमंत बगड़वाल ने कहा कि इस बार उत्तरयानी और भव्य रूप से मनाई जाएगी इसके अलावा पूर्व विधायक नारायण पाल ने कहा कि हम पर्वतीय संस्कृति को बचाने के लिए एक जुट है,श्री हरेंद्र सिंह बोरा, हेमंत पाठक ,महेश शर्मा ,राहुल छिमवाल, भूपेंद्र सिंह ,कैलाश जोशी, छात्रसंघ अध्यक्ष रश्मि लमगड़िया, कमल जोशी, ललित जोशी, संध्या डालाकोटी, आनंद सिंह बिष्ट, बहादुर सिंह जग्गी, जगदीश नवीन वर्मा, एनवी गुणवंत ,अनिल डब्बू, शोभा बिष्ट ,मीमांसा आर्य ,अर्जुन बिष्ट ,भोला भट्ट, विद्या महतोलिया आदि ने भी अपने विचार अपनी संस्कृति हेतु बैठक में रखें। बैठक में पवन सिंह कार्की, गोविंद जोशी, भुवन जोशी, मुकेश चंद्र शर्मा ,देवेंद्र तोलिया , एन बी गुणवंत, भुवन भास्कर, रमेश जोशी, देवेंद्र सिंह धर्मशक्तु , वीरेंद्र गुप्ता, चंद्रशेखर परगाई,कमल जोशी,त्रिलोक बनोली,शोभा बिष्ट,पुष्पा संभल,ललित बिष्ट,लक्ष्मण सिंह,भगवान सिंह,स्मित तिवारी,सुशील भट्ट, रत्ना श्री वास्तव,आदि सैकड़ों लोग उपस्थित थे।