लोग “धन” की लिप्सा में “चरित्र” को भूलते जा रहे है : केशव गिरी महाराज।
सेंट्रल डेस्क संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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देवास : ग्राम छापरी में रविवार से श्री श्री ब्रह्मालीन स्वामी हरिहरानंद गिरी महाराज की 22 वीं पुण्यतिथि समारोह और श्रीमदभागवत ज्ञान गंगा कथा मे पांचवा दिवस पर गोरधन पर्वत कि पूजा का प्रसंग सुनाया। कथा व्यास महंत केशव गिरी ने कहा की यह कम खेद का विषय नहीं है कि लोग “धन” की लिप्सा में “चरित्र” को भूलते जा रहे हैं। चरित्र” की महत्ता “पैसे” से कहीं बढ़कर है। जिसने “धन” के लोभ में “चरित्र” खो दिया है अथवा “चरित्र” को खोकर “धन” कमाया है उसने मानो पाप ही कमाया है। चरित्रहीन व्यक्ति का संसार में कहीं भी आदर नहीं होता फिर उसका बैंक बैलेंस कितना ही लंबा चौड़ा क्यों ना हो ? इसके विपरीत “चरित्रवान” व्यक्ति “निर्धनता” की दशा में भी सब जगह सम्मान की दृष्टि से ही देखा जाता है। इस अवसर पर परम श्रद्धेय श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी विद्यागिरी जी महाराज के पावन सानिध्य में श्री शुक सर्वानंद सन्यास आश्रम छापरी देवास के अध्यक्ष ठाकुर हरिसिंह जादौन,और समस्त आसपास ग्राम वासियों द्वारा आयोजन किया जा रहा है। आयोजक समिति के वीरेंद्र सिंह राजपूत छापरी ने बताया कि कथा के समापन पर विशाल भंडारा 3 जनवरी को रखा गया।