केयू के महिला अध्ययन शोध केन्द्र को राष्ट्रीय महिला आयोग, नई दिल्ली द्वारा शोध अध्ययन करने के लिए अनुदान प्रदान करने की मिली स्वीकृति।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र, 5 जनवरी : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन शोध केन्द्र को राष्ट्रीय महिला आयोग, नई दिल्ली द्वारा शोध अध्ययन करने के लिए अनुदान प्रदान करने की स्वीकृति दी गई है, जिसमें भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं का हरियाणा के प्ररिप्रेक्ष्य में मूल्यांकन किया जाएगा। गौरतलब है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में पानीपत से इस योजना का शुभारम्भ किया था। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार देश के विभिन्न राज्यों में जन्म के समय लिंगानुपात की दृष्टि से हरियाणा का सबसे निचला स्थान था। इस योजना के माध्यम से लड़कियों के प्रति समाज के नजरिए में बदलाव लाने का प्रयास किया गया है।
महिला अध्ययन शोध केन्द्र की निदेशिका एवं इस शोध अध्ययन की प्रमुख अन्वेक्षक प्रो. अनिता दुआ ने बताया कि इस शोध अध्ययन का उद्देश्य हरियाणा में वर्ष 2015 के बाद के लिंगानुपात के ट्रेंड का विश्लेषण करना तथा स्वास्थ्य, पोषण, देखभाल तथा संरक्षण के क्षेत्र में किशोरियों के अधिकारों को प्रोत्साहित करने में ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ‘‘ योजना के प्रभाव का मूल्यांकन करना रहेगा। साथ ही शोध के माध्यम से हरियाणा में लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने में यह योजना कहॉं तक सक्षम रही है, इसका भी परीक्षण किया जायेगा। उन्होंने बताया कि यह अध्ययन हरियाणा के सभी छः डिविजनों के विभिन्न जिलों में किया जाएगा। सर्वेक्षण के दौरान उन परिवारों से साक्षात्कार एवं विमर्श किया जायेगा जिनमें बेटियों ने जन्म लिया हैं। शोध के परिणाम सरकार को यह तय करने में सहायक होंगे कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना समाज में लड़कियों के प्रति सोच में परिवर्तन लाने में कितनी प्रभावशाली रही है। इस शोध के परिणामों के आधार पर आगामी योजनाओं की रूपरेखा तैयार करने में मदद मिलेगी। इस शोध अध्ययन में प्रो. वनिता ढींगरा एवं डॉ. वंदना दवे उप अन्वेक्षक रहेंगे।