उत्तराखंड: रविंद्र जुगरान ने कहा की दोनों दलों को नही महिला दिवस मनाने का अधिकार,
प्रभारी संपादक उत्तराखंड
सागर मलिक
दोनों दलों को नहीं महिला दिवस मनाने का अधिकार,मुज्जफर नगर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही में अब तक संवेदनहीन रही दोनों सरकारें- रविन्द्र जुगरान,आप नेता
मुज्जफर नगर कांड पर जुगरान की याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की स्वीकार,अब महिलाओं पर अत्याचार करने वालों पर कसेगा शिकंजा – रविन्द्र जुगरान,आप नेता
आज अंतराष्टीय महिला दिवस है । इस अवसर पर आप के वरिष्ठ नेता रविन्द्र जुगरान ने कांग्रेस और बीजेपी दोनो ही पार्टियों पर आरोप लगाते हुए कहा, ये दोनों ही दल लाशों और महिलाओं के सम्मान के नाम पर पिछले 20 सालों से राजनीति कर रह रहे हैं। इन्हें महिला दिवस मनाने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि ये दोनों ही दल, 2 अक्टूबर 1994 की वो काली रात भूल गए, जब हमारी मातृशक्ति की अस्मत से खिलवाड किया गया, और प्रदेश को बने 20 वर्ष होने के उपरांत भी जो दोषी थे उनको आज तक सजा नहीं मिल पाई,इन दोनों दलों ने 10_10 साल राज किया लेकिन अब तक महिलाओं की अस्मत से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ दोनो दलों के नेता कुछ नहीं कर पाए,क्यूंकि इनकी इच्छाशक्ति में महिलाओं का सम्मान ही नहीं केवल अपनी राजनीति चमकाने के लिए ये दोनो दल महिलाओं को सम्मान देने का ढोंग करते हैं।
आप नेता ने कहा कि, इस प्रदेश में दोनों ही दलों की सरकारें रही, लेकिन इस घटना के 26 वर्ष पूरे होने के बाद भी इन्होंने इन घटनाओं में संलिप्त लोगों को न्याय दिलाने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा कि, दोनों ही पार्टियां आज महिला दिवस मनाकर रस्मअदायगी कर रहे हैं, जबकि इनके द्वारा महिला शक्ति का अपमान किया जा रहा है। आप नेता ने कहा कि, तात्कालीन उत्तर् प्रदेश सरकार में मौजूद ,डीआईजी और अन्य अधिकरियों को ये दोनों ही दल बचा रहे हैं, इसीलिए इन्होंने कभी भी उत्तराखंड आंदोलनकारियों के न्याय के लिए अपनी आवाज नहीं उठाई।
उन्होंने कहा कि ,आज तक यहां रही सरकारें उस समय महिला आंदोलनकारियों पर हुए अत्याचार के खिलाफ कभी न्यायालय जाने की जहमत तक नहीं उठा पाई जिसका सीधा मतलब है कि, इन्हें उत्तराखंड आंदोलनकारियों में शामिल महिलाओं की अस्मिता से कोई सरोकार नहीं है। आज ये दोनों ही दल उन शहीदों के बलिदान को भी भूल चुके हैं।
आप नेता ने कहा,बीजेपी ने अभी भी अपनी पिछली गलतियों से सबक नहीं लिया और अभी हाल ही में गैरसैंण में महिलाओं पर लाठीचार्ज इसका ताजा प्रमाण है कि, ये सरकार महिलाओं की धुर विरोधी है। उन्होंने कहा कि, इन दोनों ही दलों को ये दिवस मनाने का कोई अधिकार नहीं है। जो महिलाओं का सम्मान नहीं कर सकता वो महिला दिवस मनाकर इतिश्री करते नजर आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि, वो मुज्जफर नगर कांड में महिलाओं की अस्मिता से खिलवाड़ को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुके हैं जिसे हाईकोर्ट की बेंच ने स्वीकार करते हुए मुजफ्फरनगर कोर्ट से सभी दस्तावेज तलब कर लिए हैं और उन्हें उम्मीद है कि, अब जल्द ही इसपर कोई फैसला आएगा और यहां शहीद हुए आंदोलनकारी और महिलाओं की अस्मत से खेलने वालों पर सख्त कार्यवाही होगी जो सच्चे मायने में उन महिलाओं को सम्मान होगा जिसका ढोंग ये दोनो सरकारें महिला दिवस पर कर रही हैं ।