मंडली जिला अस्पताल आजमगढ़ में इस हाड़ कंपा देने वाली ठंड में लावारिस मरीजों की जिंदगी भगवान भरोसे।
लावारिस मरीजों के साथ होता है लावारिसो जैसा व्यवहार।
मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला और पुरुष हाफ शर्ट एक कपड़े और एक कंबल के सहारे इस कड़ाके की ठंड में गुजार रहे हैं दिन और रात।
मरीज अपना दर्द और जरूरत न तो किसी से कह पाते हैं ना बोल पाते हैं सरकार के मंसूबे को बेहतर इलाज बेहतर सुविधा की धज्जियां उड़ाता जिला अस्पताल।
स्टाफ रूम बंद कर गायब रहते हैं कर्मचारी।
भर्ती लावारिस मरीजों का दर्द सुनेगा कौन
पूर्व में जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी ने लावारिस मरीजों की दुर्दशा देख सीएमओ और एएसआईसी को दिए थे सख्त निर्देश मरीजों के साथ हुई लापरवाही तो की जाएगी कार्रवाई स्थानांतरण हो जाने के बाद लावारिस मरीजों के साथ होने लगा लावारिशों जैसा व्यवहार।
रिपोर्ट मधुर श्रीवास्तव।
हाड़ कपा देने वाली ठंड में जहां व्यक्ति बचाव के लाख प्रयत्न कर रहा है वही जिला अस्पताल के लावारिस वार्ड में भर्ती लावारिस मरीजों का सहारा बना है मात्र एक कंबल बाकी उनका जीवन है भगवान भरोसे। जिला अस्पताल के एस आई सी अनूप कुमार श्रीवास्तव को बताने के बाद याद आया कि ब्लोवर और ठंड से बचाव का बेहतर करेंगे उपाय।