सतयुग दर्शन चैरिटेबल डिस्पेंसरी में मनाया लोहड़ी पर्व।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र : सतयुग दर्शन चैरिटेबल डिस्पेंसरी कच्चा घर एवं शीला नगर कुरुक्षेत्र के स्टाफ ने लोहड़ी का पर्व धूमधाम से मनाया। ढोल बजाकर लोहड़ी की खुशियां मनाई। ट्रस्ट के सदस्य जितेंद्र अरोड़ा ने बताया कि लोहड़ी से जुड़ी प्रमुख लोककथा दुल्ला भट्टी की है जो मुगलों के समय का एक बहादुर योद्धा था। जिसने मुगलों के बढ़ते जुल्म के खिलाफ कदम उठाया था। एक ब्राह्मण की 2 लड़कियों सुंदरी मुंदरी के साथ इलाके का मुगल शासक जबरन शादी करना चाहता था। इस मुसीबत की घड़ी में दुल्ला भट्टी ने ब्राह्मण की मदद की और लड़के वालों को मना कर एक जंगल में आग जला कर सुंदरी मुंदरी का ब्याह कराया। दुल्ले ने खुद ही उन दोनों का कन्यादान किया। इसी कथा की हिमायत करता लोहड़ी का यह गीत है, जिसे लोहड़ी के दिन गाया जाता है सुंदर, मुंदरिए हो, तेरा कौन विचारा हो, दुल्ला भट्टी वाला हो, दुल्ले धी व्याही हो, सेर शक्कर पाई हो। इस अवसर पर स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. शालिनी रहलन, डा. नैंसी, डा. विजेंद्र, निशांत, शिखा, अंकिता, डा. विष्णु दत्त शर्मा,डा. महाबीर शर्मा, डा. मनीश कुकरेजा, डा. टिंवक्ल, डा. मीना सैनी, डा. मनप्रीत, विजय, राजू, स्वीटी, सुमन, गुरमेलो हेमन्त, काजल, हैप्पी, हेमंत, कर्मचंद व मीना मौजूद रहे।
सतयुग डिस्पेंसरी में लोहड़ी मनाते स्टॉफ सदस्य।