श्री बांके बिहारी मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा में “हे गिरधारी हे बनवारी रहे ,प्यार सदा तुम्हारे चरणों में,दुख मे रहू या सुख मे रहू, बांके बिहारी रहू तुम्हारे चरणों में ” का हुआ गुणगान भक्तों ने कथा में पहुंचकर कथा का लिया आनन्द
दीपक शर्मा (संवाददाता)
बरेली : श्री बांके बिहारी मंदिर प्रांगण में चल रही ,श्रीमद् भागवत कथा के षष्टम दिवस पर कथा व्यास आचार्य श्री संजीव कृष्ण जी द्वारा बुराइयों पर अच्छाई की जीत उन्होंने कहा जब जब पृथ्वी पर धर्म की ग्लानि होती है, तब तब प्रभु अवतार लेते हैं, चाहे कितना आतताई ही शक्तिशाली क्यों ना हो भक्तों का बाल बांका नहीं कर सकता, भगवान की कृपा हमेशा अपने भक्तों पर बनी रहती है, भगवान कृष्ण के द्वारा कंस वध महारास लीला कहते हुए सुंदर भाव गोपी गीत का प्रस्तुत किया गया, गोपियों का बिरहा उद्धव द्वारा उन्हें समझाना तत्पश्चात भगवान का द्वारिका गमन तथा विदर्भ देश की कुंदनपुर की राजकुमारी रुक्मणी के साथ भगवान कृष्ण का विवाह, रुक्मणी मंगल बहुत ही सुंदर ता से मनाया गया ,मंगल बधाई के साथ सुंदर जयमाला कार्यक्रम ठाकुर रुकमणी जी के साथ, “परन लागी हरे हरे..”इसी प्रकार से सुंदर-सुंदर भजनों पर भक्त भाव विभोर हुए आनंदित हुए, तत्पश्चात आरती व प्रसाद व्यवस्था इस अवसर पर मुख्य समान अभिनव आनंद, अमृतानंद कामधेनु गौशाला ट्रस्ट एकता कृष्णा, अनीता कृष्णा भजन गायक जगदीश भाटिया व समस्त भक्तजन उपस्थित हुए।