आयुष विवि में पराक्रम दिवस के रूप में मनाई गई सुभाष चंद्र बोस जयंती।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कुरुक्षेत्र : श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय में सोमवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाई गई। शैक्षणिक मामलों के अधिष्ठाता डॉ. शंभू दयाल द्वारा नेताजी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर डॉ. शंभू दयाल ने पीजी स्कॉलर व कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा का नारा 1940 में आगरा में हुई एक जनसभा में दिया था। उस जनसभा में नेताजी अंग्रेजों के खिलाफ खुब जमकर गरजे थे। जिससे प्रभावित होकर कई युवाओं ने अपने खुन से जय हिंद लिखकर नेताजी को भेजा था। उन्होंने कहा कि नेताजी का व्यक्तित्व ऐसा था कि जो उनसे एक बार मिल ले, वो उनका हो जाता था। युवा उनसे मिलने के लिए तरसते थे। इसी प्रभावशीलता के चलते द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए जापान के सहयोग से आजाद हिन्द फौज का गठन किया था। प्रतिकूल परिस्थितियों में आजाद हिंद फौज का गठन करना एक अद्भुत कार्य था। नेताजी की ऐसी अद्भुत संगठन शैली की वजह से उन्हें आज भी युवाओं द्वारा याद किया जाता है। भारत देश सुभाष चंद्र बोस के इस अद्वितीय योगदान को कभी भुला नहीं सकता। इस अवसर पर डॉ. अमित कटारिया, डॉ. रवि राज, अतुल गोयल, कर्नल एसएन शर्मा, भूपेंद्र सिंह और पीजी स्कोलर मौजूद रहे।