मनुष्य भोजन की कीमत समझे, एक वक्त का खाना भी जिन्हें नसीब न हो उनकी फिक्र करो : महंत राजेंद्र पुरी।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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जग ज्योति दरबार में मनाया गया भव्य होली महोत्सव।
कुरुक्षेत्र, 9 मार्च : जग ज्योति दरबार में हिंदू रीति रिवाज से होली महोत्सव मनाया गया। इस अवसर पर पूजन कर फूलों और रंगों का त्योहार होली (धुलेंडी) पूरी धूमधाम से नाच गाकर संगत के साथ मनाया गया।
जग ज्योति दरबार में महंत राजेंद्र पुरी ने संदेश देते हुए देश और प्रदेश के हर इंसान से प्रार्थना करते हुए कहा कि मनुष्य भोजन की कीमत को समझे। आप चाहे आप घर पर भोजन करें अथवा किसी भी धार्मिक जगह मंदिर, गुरुद्वारे या किसी भी लंगर भंडारे में प्रसाद ग्रहण करते हैं तो खाना झूठा मत छोड़ो। भोजन बेशक दो बार डलवाओ परंतु भोजन उतना ही थाली में रखें जितना खा सको। सबसे महत्वपूर्ण बात अपने बर्तन खुद साफ करो, किसी इंसान से धार्मिक जगह जाकर अपने झूठे बर्तन धुलवाने का अर्थ अपने पुण्य कर्म का फल दूसरे को से देना है। महंत ने कहा कि धार्मिक जगह ही नहीं अपितु आप घर या किसी होटल इत्यादि में भी भोजन के उपरांत थाली में भोजन न छोड़ें। अगर गलती से बच भी जाए तो उसे पैक करवा लें। क्योंकि आप उसकी कीमत चुके हैं और उसे अपने साथ ले कर परमात्मा का नाम ले रास्ते में कोई न कोई जरूरतमंद इंसान जरूर मिलेगा ये भोजन उन्हे दे दें।
महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि सनातन को मानने वाले या हर धर्म की इंसान को जरूरत है तो सिर्फ धैर्य और सहनशीलता रखकर भगवान पर विश्वास रखें। अपने परमात्मा से जो मांगो मिलता जरूर है, सिर्फ मांगने में ताकत और श्रद्धा होनी चाहिए। मीरा जी, राधा जी, धन्ना भगत के जैसे विश्वास हो द्रौपदी की तरह। आज के दौर में इंसान को हर काम की जल्दी और नतीजे हाथ के हाथ चाहिए। महंत ने बाबा फरीद जी के कथा सुना कर भी पूजा, भक्ति और भोजन की कीमत पहचानने का आह्वान किया।
होली मनाने के अवसर पर श्रद्धालुओं के साथ महंत राजेंद्र पुरी।