जफ़र अंसारी
लालकुआं कोतवाली क्षेत्र में आजकल ओवरलोड वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं शहर में दिन हो या रात हजारों ट्रक आवागमन करते हैं जिनमें से अधिकांश ट्रक ओवरलोड होते हैं लेकिन स्थानीय प्रशासन व आरटीओ विभाग उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है इससे सरकार को राजस्व का नुक़सान तो हो ही रहा बल्कि इसके साथ सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो रही है इस वजह से दुर्घटनाओं में भी इजाफा हो रहा है।
बता दें कि किच्छा क्षेत्र में अवैध खनन जोर शोर से हो रहा है जहां से सैकड़ों टन मिट्टी व रेत ट्रको में भरकर लालकुआं कोतवाली के समाने से होते हुए जाते हैं इसके अलावा लालकुआं के विभिन्न स्टोन क्रेशरों से भी ट्रको में ओवरलोडिंग निकासी बेरोकटोक जारी है वहीं इन वाहनों पर खानापूर्ति के लिए विभागीय अधिकािरयों की तैनाती की गई है फिर भी ओवरलोड वाहनों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है सूत्रों के अनुसार ओवरलोड का सारा खेल अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है वही इन ओवरलोड से हर रोज हो रहे सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं तमाम खामियों के साथ ओवरलोड वाहन भी इन हादसों में लगातार इजाफा कर रहे हैं नेशनल व स्टेट हाइवे से लेकर अन्य सड़कों पर भी ओवरलोडिंग वाहनों की भरमार है जो हर समय हादसे को न्योता दे रहे हैं वहीं सम्बंधित विभाग इन पर पुरी तरह अंकुश नहीं लगा पा रहा है जिसे लोगों में भारी आक्रोश है।
उत्तराखंड बेरोजगार संगठन ने की कारवाई की मांग
बाक्स इधर उत्तराखंड बेरोजगार संगठन के कुमाऊं प्रवक्ता इमरान खान ने कहा कि सड़क दुघर्टनाओं को कम करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ सड़कों पर चालक बेखोफ होकर ओवरलोड वाहनों को बिना किसी रोक-टोक के दौड़ा रहे हैं तथा नोइंट्री वाले क्षेत्रों में भी धड़ल्ले से भारी व ओवरलोड वाहन चल रहे हैं उन्होंने कहा यातायात नियमों का सड़कों पर खुलेआम उल्लंघन हो रहा है उन्होंने कहा कि सम्बंधित विभाग नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई तो दूर धड़ल्ले से चल रहे ओवरलोड वाहनों को रोक तक नहीं पा रहा है उन्होंने कहा कि इन वाहनों की चेकिंग की जिम्मेदारी पुलिस, परिवहन, खनन,और वाणिज्यकर विभाग की है लेकिन इन विभागों की लापरवाही के चलते दिन रात मिट्टी व रेत के भरे ट्रक और ट्रालों समेत अन्य ओवरलोड वाहन बेखोफ गुजरते हैं उन्होंने कहा कि ओवरलोड वाहनों से लगातार हो रही सड़क दुघर्टनाओं के बाद भी विभागीय अधिकारी ध्यान देने को तैयार नहीं है उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही ओवरलोड वाहनों के खिलाफ चेकिंग अभियान चलाकर कारवाई नहीं कि गई तो उत्तराखंड बेरोजगार संगठन आन्दोलन को बाध्य होगा जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।