जयराम विद्यापीठ में निरंतर हो रहा है दुर्गा सप्तशती पाठ।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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दुर्गा सप्तशती पाठ अनुष्ठान के साथ हवन में दी गई आहुतियां।
मां भगवती के छठे स्वरूप मां कात्यायनी का आह्वान कर विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ हुआ पूजन।
कुरुक्षेत्र, 27 मार्च : देश के विभिन्न राज्यों में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से चैत्र नवरात्रों के अवसर पर जयराम विद्यापीठ में चल रहे श्री दुर्गा सप्तशती पाठ अनुष्ठान में ट्रस्टियों के साथ श्रद्धालु भी शामिल हो रहे हैं। इस मौके पर अनुष्ठान के साथ हवन में भी आहुतियां दी गई। विद्यापीठ के आचार्य प. राजेश प्रसाद लेखवार शास्त्री ने नवरात्रों में मां भगवती के छठे स्वरूप मां कात्यायनी का आह्वान कर विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ पूजन किया। उन्होंने बताया कि परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा है कि नवरात्रों के अवसर पर लोगों को दोहरी मानसिकता का त्याग करना चाहिए। समाज की सोच ठीक करने की जरूरत है। ब्रह्मचारी के अनुसार समाज की सोच भी बदलें और नई अलख जगाएं, नारी को ममता का रूप कहा जाता है। ममता का रूप नारी घर तक ही सीमित नहीं रखें क्योंकि नारी की पहचान महान समाज सुधारक के रूप में भी है। मां भगवती के नौ देवी स्वरूप प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। इस समय पूरे देश में नवरात्रों की धूम है । जगह जगह मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जा रही है। देशभर में श्रद्धालु मां भगवती की आस्था से पूजा कर रहे हैं और अष्टमी और नवमी के दिन कन्याओं की पूजा करेंगे। पर अफ़सोस है कि नवरात्र पुरे हो जाने पर लोग वापस अपनी पुरानी दिनचर्या पर लौट जाते हैं। इस मौके पर के. के. कौशिक एडवोकेट, सुरेंद्र गुप्ता, टेक सिंह लौहार माजरा, राजेश सिंगला, रोहित कौशिक, रणबीर भारद्वाज, सतबीर कौशिक इत्यादि भी मौजूद रहे।
जयराम विद्यापीठ में पूजन करते हुए।