बांस बरेली की पहचान बने बांस के ट्री गार्ड प्रदेशभर में लगेंगे बरेली में बने बांस के ट्री गॉर्ड
दीपक शर्मा (संवाददाता)
बरेली : अब तक शहर की मुख्य सड़कों पर और हाईवे पर आपने लोहे के और सीमेंट के ट्री गार्ड देखे होंगे लेकिन अब गोकुल अनुसंधान विकास ट्रस्ट द्वारा बनाए गए ईको फ्रेंडली बास के ट्री गार्ड शहर की सड़कों की शोभा बढ़ाएंगे यह बास् के ट्री गॉर्ड इको फ्रेंडली है पेड़ों की नमी को बरकरार रखते हैं प्राकृतिक रूप से यह पौधों के लिए फायदेमंद है अभी वन विभाग द्वारा शहर की प्रमुख सड़क पर इस ट्री गार्ड को लगाया गया है इसके अलावा रोहिलखंड जोन के सभी शहरों में भी यह ट्री गार्ड अब अपनी नई पहचान बना रहे हैं स्मार्ट सिटी के अंतर्गत बहुत जल्द नगर निगम यह ट्री गार्ड लगाए ऐसा नगर आयुक्त से अनुरोध किया गया है इस संबंध में बरेली विकास प्राधिकरण से भी बांस के ट्री गार्डों का उपयोग करने का अनुरोध किया गया है जिस के संबंध में उपाध्यक्ष महोदय से भी सम्पर्क किया गया है प्रथम चरण में अब तक लगभग 2000 ट्री गार्डों की बिक्री की जा चुकी है संस्था के सचिव अरविंद अग्रवाल ने बताया कि केवल बरेली नहीं बल्कि रामपुर मुरादाबाद संभल अमरोहा बदायूं आदि जगह पर यह ट्री गार्ड सप्लाई किए गए हैं वन विभाग की तरफ से समय-समय पर किए जाने वाले पौधारोपण कार्यक्रम में अब इनका इस्तेमाल किया जाएगा इन्हें पशुओ से बचाने के लिए यह मजबूत ट्री गार्ड लगाए जा रहे हैं अधिकारियों का कहना है कि किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए बैम्बू मिशन पर काम किया जा रहा है और इसी के अंतर्गत बास से जुड़े कारीगरों को प्रोत्साहित करने और उन को रोजगार देने के लिए इस ट्री गार्ड को डिजाइन किया गया है इससे किसानों को आर्थिक आत्मनिर्भरता मिलेगी व बहुत कम लागत मूल्य पर बांस की खेती करने का किसानों को मौका मिलेगा इसके लिए सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जा रहा है जिस के संबंध में संबंधित विभाग से किसानों द्वारा संपर्क किया जा सकता है नायसा स्वयं सहायता समूह को वन विभाग द्वारा दी गई सीएफसी में महिलाओं द्वारा बास व बेत के फर्नीचर ट्री गार्ड व अन्य फैंसी आइटम का उत्पादन किया जा रहा है जिससे महिलाएं भी आत्मनिर्भर हो रही है
भविष्य में इस कार्य से क्षेत्र के सैकड़ों परिवारों को लाभवन्तित किया जाएगा ।