मारकंडा नदी के मामले में किसानों की कमेटी ने की बैठक।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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किसानों की मांग, मारकंडा से प्रभावित दो किलोमीटर क्षेत्र में बनने वाली सड़क एन. एच. 152 जी का निर्माण समाधान होने तक न हो।
कुरुक्षेत्र, 5 जून : मारकंडा नदी के ओवरफ्लो एवं बाढ़ के पानी से फसलों के बर्बाद होने के मामले में 16 गांवों के किसानों की याचिका हालांकि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में डाली जा चुकी है और इस मामले में किसानों की तरफ से अधिवक्ता मीनाक्षी सिंह से पक्ष सुनने के बाद हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए भारत सरकार, एन.एच.ए.आई., हरियाणा सरकार, प्रोजेक्ट डायरेक्टर व सिंचाई विभाग को नोटिस भी जारी कर दिया है।
इसी बीच किसानों की कमेटी ने नई बनने वाली सड़क एन. एच. 152 जी के निर्माण कार्य को लेकर बैठक की है। इस बैठक में किसानों ने मारकंडा से प्रभावित दो किलोमीटर क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्य समाधान होने तक न किए जाने की मांग की है। उन्होने बैठक में बताया कि वे न्याय की उम्मीद से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुके हैं तथा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी किसानों की बात सड़क का निर्माण समाधान होने तक रोकने की बात कही थी। अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी, लखविंदर सिंह, सुखदेव सिंह, साहब सिंह इत्यादि ने कहा कि बार बार निर्माण एजेंसी के लोग प्रभावित क्षेत्र में मिट्टी डालने का प्रयास करते हैं और उन्हें बार बार जाकर रोकना पड़ता है। किसानों का कहना है कि उनकी केवल यही अपील है कि मारकंडा नदी के ओवरफ्लो एवं बाढ़ के पानी का समाधान करने के बाद ही सड़क निर्माण किया जाए। इस संबंध में वर्षों से बाढ़ एवं फसलों के नुकसान के प्रमाण भी दिए हैं। उन्हें सड़क निर्माण से कोई परेशानी नहीं। वे केवल बाढ़ के पानी की निकासी एवं फसलों का बचाव चाहते हैं। इसी लिए मजबूर होकर उन्हें हाईकोर्ट की शरण में जाना पड़ा है।
किसानों की बैठक में मालक सिंह, सतपाल सिंह, निर्मल सिंह, बलकार सिंह, तरसेम सिंह, सुरेंद्र सिंह, भूपेंद्र सिंह, हरबंस सिंह, कश्मीर सिंह, सुखदेव सिंह, संदीप, रघुवीर सिंह, बलविंदर सिंह, सुखवीर सिंह, जयदेव, मेजर सिंह, लवजोत, सतविंदर सिंह, गुरबक्श सिंह, गुरनाम सिंह, जगतार सिंह, लखविंदर सिंह, नसीब सिंह, मुख्तियार सिंह, महिंद्र सिंह, गुरविंदर सिंह, जरनैल सिंह, नाजर सिंह इत्यादि मौजूद रहे।
बैठक में मौजूद किसानों के प्रतिनिधि।