श्री मारकंडेश्वर महादेव मंदिर में गुप्त नवरात्रों में हुई स्कंदमाता स्वरूप की पूजा।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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संतों ने की स्कंदमाता की पूजा उपासना।
कुरुक्षेत्र, 23 जून : अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी के सान्निध्य में संत महापुरुषों एवं श्रद्धालुओं ने विश्व के कल्याण की भावना से गुप्त नवरात्रों के पांचवें दिन भी विधिपूर्वक पूजन किया। गुप्त नवरात्रों के पांचवें दिन मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की मंत्रोच्चारण के साथ पूजा-उपासना की गई।
महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि यह पूजा विशेष है क्योंकि धर्म ग्रन्थों में स्कंदमाता को मोक्ष का द्वार खोलने वाली माता कहा गया है। इस लिए मां भगवती के साधकों को स्कंदमाता की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। इस पूजा से साधक को मृत्यु लोक और मृत्यु उपरांत अन्य लोक में भी सुख और आनंद की प्राप्ति होती है।
उन्होंने बताया कि मां भगवती की महिमा निराली है, वह समस्त मानव समाज का कल्याण करती है। ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त सच्चे दिल से मां को याद करता है, मां उसकी पुकार को जरूर सुनती है और साधक के सभी दुख और दर्द दूर कर देती है। महंत जगन्नाथ पुरी ने कहा कि मां की महिमा अपरंपार है। मां के मुख मंडल पर अलौकिक दिव्य शक्ति प्रकाशित होती है, जो शक्ति और ममता को परिभाषित करती है। मां चारभुजा धारी है, जिनमें एक भुजा में कमल पुष्प, दूसरे में भी कमल पुष्प है, जबकि तीसरा भुजा वरमुद्रा में है। मां का वाहन सिंह है।
महंत जगन्नाथ पुरी ने गुप्त नवरात्रों के पांचवें दिन की पूजा का महत्व बताया कि भगवान स्कन्द की माता होने के कारण माता पार्वती को स्कंदमाता कहा जाता है। अगर कोई साधक मां की भक्ति सच्ची श्रद्धा और भाव से करता है तो साधक की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही साधक को धन-दौलत, सुख सोहरत प्राप्त होता है। इसलिए स्कंदमाता की पूजा सच्ची श्रद्धा और निष्ठा से करनी चाहिए। इस मौके पर स्वामी संतोषानंद, बिल्लू पुजारी, नाजर सिंह, सुक्खा सिंह, नसीब सिंह तथा दलीप सिंह इत्यादि मौजूद रहे।
गुप्त नवरात्र पर स्कंदमाता की पूजा उपासना करते हुए महंत जगन्नाथ पुरी।