गुप्त नवरात्रों की अष्ठमी पर पूजन कर महागौरी का लिया गया आशीर्वाद।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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मां महागौरी अन्नपूर्णा स्वरूप धन-वैभव और सुख-शान्ति की अधिष्ठात्री देवी है : महंत जगन्नाथ पुरी।
कुरुक्षेत्र, 26 जून : मारकंडा नदी के तट पर अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी एवं संतों के सानिध्य में बारह ज्योतिर्लिंगों पर अनुष्ठान के बाद लाई गई मां भगवती की अखण्ड ज्योति पर मंत्रोच्चारण के साथ निरंतर गुप्त नवरात्र पूजा चल रही है।
गुप्त नवरात्रों के आठवें दिन महागौरी की पूरी आस्था के साथ पूजा अर्चना के उपरांत मंगल कामनाएं करते हुए आशीर्वाद लिया गया। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि मां महागौरी भक्तों के विचारों की तरंगों को सदमार्ग की ओर ले जाती है और भक्तों के अपवित्र व अनैतिक विचारों को नष्ट कर देती है। मां शक्ति के नौ रूपों में आठवां रूप देवी महागौरी का है।
उन्होंने बताया कि सांसारिक रूप में मां महागौरी का स्वरूप बहुत ही उज्जवल, कोमल , सफेद वर्ण तथा चंद्रमा के समान सफेद है। चारों भुजाओं से युक्त इस देवी के एक हाथ में त्रिशूल, दूसरे हाथ में डमरू हैं। मां गौरी गायन संगीत की प्रिय देवी है, जो सफेद वृषभ यानि बैल पर सवार है। ये सफेद वस्त्र पहने हुए है। अपने भक्तों के लिए यह अन्नपूर्णा स्वरूप है। यह धन-वैभव और सुख-शान्ति की अधिष्ठात्री देवी है। इस अवसर पर स्वामी संतोषानंद, बिल्लू पुजारी, सुक्खा सिंह, नाजर सिंह, कविता शर्मा, प्रमिला इत्यादि भी मौजूद रहे।
महंत जगन्नाथ पुरी पाठ करते हुए।