सेवा सिंह
श्रद्धा पूर्वक मनाये गये सावन महीने की संग्राद एवं गुरु हरिकृष्ण जी का प्रकाश पुरब
प्रात: नितनेम के पश्चात हज़ूरी रागी भाई नरेन्द्र सिंह जी ने आसा दी वार का शब्द “सतगुरु होइ दइआलु त सरधा पुरिऐ” का गायन किया एवं सेवक परिवार के द्वारा रखे गये श्री अखण्ड पाठ साहिब के भोग डाले गए,
भाई शमशेर सिंह जी हैंड ग्रंथी ने कहा कि सुखी वनस्पति सावन की वरखा से हरी हो जाती है, प्रभु की भक्ति मन को शांत और सुखदाई करती है, गुरु हरिकृष्ण साहिब जी ने हमें हंकार से दूर रहने का उपदेश दिया, कार्यकर्म में विशेष रूप से गुरुद्वारा साहिब जी के हजूरी रागी जत्थों भाई नरेन्द्र सिंह जी और भाई गुरदियाल सिंह जी ने ‘सो सतिगुरु पिआरा मेरै नाल है जिथै किथै मैनो लए छडाई’ व ‘सावणि सरसी कामणी चरन कमल सिउ पिआर’ का शब्द गायन किया।।
हैंड ग्रंथी भाई शमशेर सिंह जी ने सरबत के भले के लिए अरदास की, प्रधान, गुरबख्श सिंह राजन जी व जनरल सेक्रेटरी गुलज़ार सिंह जी द्वारा संगतों को सावन महीने के व प्रकाश पर्व की बधाई दी ।। मंच का संचालन सेवा सिंह मठारु ने किया।
कार्यक्रम के पश्चात संगत ने गुरु का लंगर व प्रशाद ग्रहण किया,
इस अवसर पर सरदार गुरबख्श सिंह जी राजन अध्यक्ष, गुलज़ार सिंह महासचिव, चरणजीत सिंह उपाध्यक्ष,देविंदर सिंह मान, मंजीत सिंह,गुरप्रीत सिंह जौली, सरदार सतनाम सिंह जी,सरदार हरचरण सिंह, अरविन्दर सिंह,देविंदर सिंह भसीन,हरबन्स सिंह, सुरजीत सिंह,राजिंदर कुमार चड्डा, तिलक राज कालरा ,गुरदेव सिंह साहनी,रमिन्दर सिंह राणा, गुरदियाल सिंह, राजिंदर सिंह राजा आदि उपस्थित रहे।।