43 वा उर्से नूरी धूम धाम से मनाया गया
दीपक शर्मा (संवाददाता)
बरेली : आला हज़रत के छोटे साहिबज़ादे मुफ़्ती आज़म-ए-हिन्द अल्लामा मुफ़्ती मुहम्मद मुस्तफ़ा रज़ा खान क़ादरी नूरी का 43 वॉ उर्स-ए-नूरी ख़ानक़ाह ताजुश्शरिया में एक अगस्त बरोज़ मंगल को क़ाज़ी ए हुन्दुस्तान मुफ़्ती मुहम्मद असजद रज़ा खान क़ादरी की सरपरस्ती में मनाया गया ।
जमात रज़ा ए मुस्तफ़ा के राष्ट्रिय उपाध्यक्ष सलमान हसन खान (सलमान मिया) ने बताया कि उर्से नूरी में देशभर से आये उलेमा ने शिरकत फरमा कर खिराजे अक़ीदत पेश किया जमात रज़ा ए मुस्तफ़ा के राष्ट्रीय महासचिव (फरमान मियाँ) ने बताया कि उर्स का आगाज़ नमाज़ फ़ज़्र कुरानख्वानी व नात-ओ-मनकबत से हुआ । बाद नमाज़-ए-ईशा क़ारी शरफुद्दीन साहब ने क़ुरआन ए पाक की तिलावत से उर्स के प्रोग्राम का आगाज़ किया, मौलाना शम्स ने प्रोग्राम की निज़ामत की, नात-ओ-मनकबत का नज़राना सय्यद कैफ़ी व आसिम तहसीनी ने पेश किया
सलमान मिया ने बताया कि बाहर से आये उलेमा की तक़रीरे हुई जिसमे मुफ़्ती शहज़ाद आलम मिस्बाही ने मुफ़्ती ए आज़म हिन्द की ज़िन्दगी पर रौशनी डाली, मुफ्ती अफ़ज़ल रज़वी साहब ने मुफ़्ती ए आज़म के तक़वे व फतवों पर बयान किया, मौलाना शकील और बहार से आये उलेमा किराम ने बयानात किये । उलेमा किराम ने अपने बयानात में फ़रमाया कि हुज़ूर मुफ़्ती ए आज़म हिन्द आला हज़रत के छोटे साहबज़ादे हैं आपको मुफ़्ती ए आज़म हिन्द के लक़ब से याद किया जाता है और आपको ताजदारे अहले सुन्नत भी कहा जाता है, आपका फतवा व तक़वा बेमिसाल है | फरमान मियाँ ने बताया आपने अपनी पूरी ज़िन्दगी मसलके आला हज़रत की खिदमत की और लोगो की फरियादरासि व खिदमते ख़ल्क़ में गुज़ारी, आपने बहुत सारी किताबे लिखी जिनमे फतवा मुस्तफ़विया, अल मौत अल अहमर और नातिया दीवान समाने बख्शिश मशहूर है | आपके मुरीदों की तादाद लाखों में है, जिनमे अक्सर तादाद उलेमा किराम की है | हुज़ूर मुफ़्ती ए आज़म हिन्द के जानशीन हुज़ूर ताजुश्शरिया मुफ़्ती मुहम्मद अख्तर रज़ा खान क़ादरी हैं और हुज़ूर ताजुश्शरिया के जानशीन क़ाज़ी ए हिंदुस्तान हैं | रात एक बजकर चालीस मिनट पर क़ाज़ी ए हिंदुस्तान ने कुल शरीफ की रस्म अदा के साथ क़ौमो मिल्लत के लिए दुआ की इसके साथ ही उर्स का समापन हुआ आपके अकीदतमंदों ने उर्से नूरी दुबई, यू0 के0, हॉलेंड, मलावी, अफ्रीका आदि देशो में मनाया गया और बताया कि उर्स का प्रोग्राम मरकज़ से ऑडियो लाइव किया गया | जिससे दुनिभर में सुना गया बहार से आये ज़ायरीन के लिए लंगर का इंतेज़ाम किया गया और उन्होंने उर्स की मुबारकबाद पेश की |
जिसमें मुख्य रूप से डॉ मेहँदी हसन, हाफिज इकराम, मौलाना शम्स, मौलाना निजामुद्दीन, मोईन खान, समरान ख़ान ,आबिद नूरी, क़ारी मुर्तज़ा, कारी वसीम, शमीम अहमद, दांनी अंसारी आदि लोग मौजूद रहे।