बाल श्रम बच्चों को बचपन में उनके स्वास्थ्य और शिक्षा से वंचित करता है:- चक्रपाणि
बाल श्रम विमुक्त करने के लिए जिला में चलाया जाए विशेष अभियान:—– चक्रपाणि
श्रमिकों के पंजीयन की प्रक्रिया को तेज किया जाए:- चक्रपाणि
शुक्रवार को पूर्णिया परिसदन में बाल श्रम उन्मूलन मुक्ति एवं पुनर्वास विषय पर बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष डॉ चक्रपाणि हिमांशु, की अध्यक्षता में संबंधित विभागीय पदाधिकारियों के साथ समीक्षात्मक बैठक आहूत की गई।
बाल श्रम के नियंत्रण को लेकर माननीय अध्यक्ष महोदय द्वारा संबंधित पदाधिकारी को संबोधित करते हुए कई आवश्यक बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया और कई जरूरी दिशा निर्देश दिए।
बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष डॉ चक्रपाणि हिमांशु ने कहा कि बाल श्रम कानूनी अपराध है। कितना भी शक्तिशाली व्यक्ति क्यों ना हो बाल श्रम करवाते पकड़े गए तो होगा कानूनी कार्रवाई ।
शिक्षा एक मौलिक अधिकार है।सभी निबंधित श्रमिकों को न्यूनतम 1 वर्ष की सदस्यता के पश्चात निर्माण कामगारों के अधिकतम दो संतानों को प्रतिवर्ष बिहार राज्य के अधीन किसी भी बोर्ड द्वारा संचालित 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा में 80% या उससे अधिक अंक प्राप्त करने पर 25000 रुपया, 70 से 79 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर 15000, तथा 60 से 69% अंक प्राप्त करने पर 10000 का लाभ दिया जाता है।
निबंधित पुरुष या महिला कामगार को 3 वर्षों तक अनिवार्य रूप से सदस्य रहने पर उनके दो वयस्क पुत्रियों को विवाह के लिए 50- 50 हजार रुपए दिए जाते हैंl वार्षिक चिकित्सा सहायता योजना के तहत सभी निबंधित पात्र निर्माण श्रमिकों का ₹3000 एकमुश्त राशि लाभार्थी के खाते में अंतरित की जाती है ।
मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के समतुल्य राशि वैसे कामगार जिन्होंने मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से राशि प्राप्त नहीं की है उन्हें असाध्य रोग की चिकित्सा हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा समतुल्य राशि प्रदान करने का प्रावधान है।
बच्चें को विद्यालय ले जाने की जरूरत है, 6 से 14 साल के बच्चे को बाल श्रम नहीं कराया जा सकता है, 14 से 18 साल के बच्चें को कठोर नियोजन में नहीं लाया जा सकता है।
इसके लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, धाबा दल गठित कर बाल श्रम करते बच्चे को भी विमुक्त किया जाएगा । जब तक श्रमिकों की स्थिति अच्छी नहीं होगी तब तक बाल श्रम पर रोक नहीं लगाया जा सकता है ।
सरकार द्वारा चल रहे श्रमिकों की योजनाओं को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया जाए ।
स्कूल एवं महाविद्यालय में श्रम संसाधन विभाग के द्वारा दिए जाने वाली सभी योजनाओं की जानकारी छात्र छात्राओं को दिया जाए ।
होटल, दुकान ,लाइन होटल , स्टेशन आदि जगह पर छापेमारी कर ऐसे बाल श्रमिकों को मुक्त कराया जाए और संबंधित प्रतिष्ठान के संचालक पर मुकदमा दर्ज करेंl
साथ ही उन्होंने 1 माह में प्रखंड के एक पंचायत 1 वर्ष में अनुमंडल एवं 2 वर्ष में जिले को बाल श्रम विमुक्त करने हेतु उचित कार्रवाई का निर्देश दिया ।
बैठक में श्रम अधीक्षक श्री जगन्नाथ पासवान, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी दिलीप सरकार,कृष्ण कुमार डीएसपी, शिवनाथ रजक जिला शिक्षा पदाधिकारी पूर्णिया, रितेश कुमार ए डी एस पूर्णिया, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी-श्री संजीव कुमार, दुर्गा शंकर प्रसाद, रामविलास राम, अमन प्रकाश, कुमार गौरव, अजीत कुमार, पवन कुमार शर्मा, अमरनाथ यादव एवं संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।