हसेरन
सीता हरण की कथा का मार्मिक प्रसंग सुनाया
हसेरन विकासखंड क्षेत्र के ग्राम हुसैन नगर में श्री राम कथा के छठवें दिन सीता हरण का प्रसंग सुनाया गया l व्यास हरिदास जी के मुखारविंद से श्री राम कथा का वर्णन किया गया। व्यास जी ने बताया कि भगवान श्री राम ने राक्षसों का वध किया, जिस समय रावण ने मारीच को सोने का हिरण बनकर पंचवटी में जाने का आदेश किया l मरीज ने रावण को समझाया कि सीता जगत जननी मां है। इस कार्य में आपका सहयोग नहीं कर सकता l रावण ने उसको मारने के लिए तलवार निकाली मारीच ने सोचा मरना है तो श्री राम के हाथों में जिससे मेरा उद्धार हो जाएगा l मारीच पंचवटी में मां सीता की कुटिया के आसपास घूम रहा था l सीता जी की नजर पड़ी उन्होंने प्रभु राम से कहां यह कितना सुंदर है, इसको पकड़ कर ले आओ l माया पति प्रभु सब कुछ जान कर भी अंजान बन गए l श्री राम धनुष उठाया उस हिरण के पीछे दौड़ पड़े। श्री राम ने जैसे ही उस सोने के हिरण पर बाण का प्रहार कर दिया l मरने के अंतिम समय में एक ही उसने मित्रता का साथ निभाया l लक्ष्मण जी को भेजा लक्ष्मण जी ने कहा मैं मां जा तो रहा हूं लेकिन मैं एक रेखा खींच रहा हूं उसके बाहर ना निकले। लक्ष्मण जी रेखा खींच कर चले गए रावण साधु का भेष बनाकर कुटिया के पास आया और कहा कि मां भिक्षा मांगी सीता जी ने कंद फल फूल उस साधू जैसे ही देने आए रावण ने उनका हाथ पकड़ा और विमान में लेकर चल दिया। जब श्री राम कुटिया वापस लौटे तो सीता जी को ना पाकर इधर उधर भटकने लगे उन्होंने रोते बिलखते कहा। हे खग मृग मधुकर श्रेणी तुम देखी सीता मृग नैनी । समस्त श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए आंखों से आंसू निकल आए सैकड़ों की संख्या में ग्रामवासी कथा श्रवण कर रहे हैं परीक्षित सूबेदार राठौर एवं सिपाही लाल राठौर, शिवराम, विनोद राठौर कमल दिलीप प्रदीप गया प्रसाद रामकिशोर राठौर अवनीश कुमार तिवारी राम किशोरी भदोरिया , राजाबेटी, रामसखी, बबली, राधा देवी, बेबी, जूली संध्या, शिवानी, समस्त ग्रामवासी