दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा अयोजित श्रीमद्भागवत कथा में साध्वी भाग्यश्री भारती ने बताया कि पूर्ण गुरु के माध्यम से ही परमात्मा को प्राप्त किया जा सकता है, जैसा कि ध्रुव ने भक्ति कर देवरिश्री नारद जी के माध्यम से परमात्मा को प्राप्त किया था
फिरोजपुर 26 सितम्बर {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}=
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस में जजमान श्री कमल शर्मा जी और श्री अशोक बहल जी थे जिन्होंने कथा से पूर्व पूजा करके ईश्वर का आशीर्वाद लिया।
साध्वी भाग्य श्री भारती जी ने ध्रुव प्रसंग सुनाते हुए बताया कि भक्त ध्रुव जिस परमात्मा को प्राप्त करने हेतु वन की ओर निकले थे, देवर्षि नारद जी के माध्यम से उस परमात्मा को प्राप्त कर लिया। यदि हम भी भक्त ध्रुव की भांति उस ईश्वर को प्राप्त करना चाहते हैं तो हमें भी आवश्यकता है, ऐसे पथप्रदर्शक की ,ऐसे गुरु की जो हमारे भी अंतःकरण में उस ईश्वर का साक्षात्कार करा दे।
क्योंकि गुरु के बिना कोई भी परमात्मा को नहीं प्राप्त कर सकता।
उन्होंने बताया कि आज मानव प्रभु को मिलने के लिए तत्पर है लेकिन उसके पास प्रभु प्राप्ति का कोई साधन नहीं है। हमारे समस्त वेद शास्त्रों व धार्मिक ग्रंथों में यही लिखा है कि ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति के लिए ईश्वर का साक्षात्कार करने के लिए एक पूर्ण गुरु की शरणागति होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जब भी एक जीव परमात्मा की खोज में निकलता है तो वह सीधा ही ईश्वर को प्राप्त नहीं कर लेता उसे एक ब्रह्मनिष्ठ गुरु के सानिध्य में जाना ही पड़ता है। कबीर जी को प्रकाशित करने वाले सूर्य रूपी गुरु रामानंद जी तो नरेंद्र को विवेकानंद बनाने वाले उनके गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस जी थे। अतः गुरु के बिना कोई भी परमात्मा तक नहीं पहुंच सकता।
दूसरे दिवस में ज्योति प्रज्वलन की रस्म डा: कमल बागी , हरीश गोयल, पिपल सहोता, डा: हर्ष भोला ने अदा की।