कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के लिए शैक्षणिक उत्कृष्टता और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के एक नए युग की शुरुआतः प्रो. सोमनाथ

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के लिए शैक्षणिक उत्कृष्टता और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के एक नए युग की शुरुआतः प्रो. सोमनाथ।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

केयू ने सात अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।

कुरूक्षेत्र, 27 सितम्बर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा बुधवार को सात प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए, जो वैश्विक शैक्षणिक सहयोग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। बुधवार को इंडोनेशिया के बाटम शहर में ब्लैंडिड मोड में आयोजित 29 वीं आईएमटी-जीटी बैठक के मौके पर समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने इस अवसर पर समझौते पर हस्ताक्षर किए तथा सभी को बधाई देते हुए कहा, इन एमओयू के माध्यम से, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, आईएमटी-जीटी और भारत के बीच सहयोग की परियोजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में तेजी लाने वाला देश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के लिए शैक्षणिक उत्कृष्टता और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के एक नए युग की शुरुआत की है। इन एमओयू से नई राहें खुलेंगी जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप हमारे छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण में सक्रिय रूप से शामिल होने के कई अवसर प्रदान करेगा। प्रोफेसर सोमनाथ ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय इन सात प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों के साथ अकादमिक साझेदारी का एक मजबूत नेटवर्क स्थापित करेगा, जिससे छात्र और संकाय आदान-प्रदान, संयुक्त अनुसंधान पहल और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की सुविधा मिलेगी। यह समझौते कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इंडोनेशिया-मलेशिया-थाईलैंड ग्रोथ ट्राइएंगल यूनिवर्सिटी नेटवर्क (आईएमटी-जीटी यूनीनेट) के साथ एक महत्वपूर्ण अकादमिक भागीदार स्थापित करेगा। आईएमटी यूनिनेट नेटवर्क में तीन देशों के 27 विश्वविद्यालय शामिल हैं।
केयू में इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंडो-पैसिफिक स्टडीज के निदेशक प्रोफेसर वीएन अत्री ने इस एमओयू में शामिल संस्थानों के बारे में विस्तार से बताया कि इस समझौते में इंडोनेशिया के छह विश्वविद्यालय यूनिवर्सिटास सियाह कुआला, यूनिवर्सिटास लैम्पुंग, यूनिवर्सिटास मैरिटिम राजा अली हाजी, यूनिवर्सिटास सुमाटेरा उतरा, यूनिवर्सिटास जंबी, और यूनिवर्सिटास रियाउ शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, मलेशिया का एक विश्वविद्यालय, यूनिवर्सिटी टेक्नोलोजी मारा भी इस समझौता ज्ञापन का हिस्सा बना है।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर मलेशिया में भारत के उच्चायुक्त, महामहिम श्री बी एन रेड्डी, प्रोफेसर टीएस डॉ. हाजा रोज़िया मोहम्मद, जनोर, आईएमटी-जीटी यूनीनेट के अध्यक्ष और इंडोनेशिया और मलेशिया के सात भागीदार विश्वविद्यालयों के कुलपति सहित गणमान्य व्यक्तियों ने भागीदारी की।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में इस अवसर पर प्रो. शुचिस्मिता, प्रो. अनिल वोहरा, प्रो. अमित लुदरी, प्रो. संजीव अग्रवाल, प्रो. अनिल मित्तल, प्रो. दिनेश कुमार, प्रो. ब्रजेश साहनी, प्रो. नीलम रानी, प्रो. एसके चहल, प्रो. अनुरेखा शर्मा, प्रो. तेजेन्द्र शर्मा, प्रो. अशोक चौहान, कुलपति के ओएसडी पवन रोहिल्ला व सहायक कुलसचिव डॉ. जितेंद्र जांगड़ा मौजूद रहे।

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