हमारे बुजुर्ग ज्ञान और अनुभव कि, चलती-फिरती लाइब्रेरी है –सुंधाशु जी महाराज
दीपक शर्मा (संवाददाता)
बरेली : विश्व जागृति मिशन के तत्वाधान में, आज नाथ नगरी बरेली में स्थित त्रिवटी नाथ मंदिर के तत्वाधान में भव्य एवं विशाल सत्संग का आयोजन किया गया है, सत्संग के दूसरे दिन संध्या बेला में सुधांशु जी महाराज ने अपने वचनों की अमृत वर्षा करते हुए कहा !
अपने बड़े बूढ़े बुजुर्गों माता-पिता का, कभी भूलकर भी अनदेखी और अपमान ना करें, अपने बुजुर्गों, माता-पिता का हमेशा सम्मान करें, क्योंकि हमारे बुजुर्ग और माता पिता ज्ञान और अनुभव कि, चलती-फिरती लाइब्रेरी है, इन्होंने अपने अपने जीवन से बहुत कुछ सीखा है, इनके बताएं रास्तें पर चल कर, हम अपने जीवन में बहुत कुछ कर और पा सकते हैं, इनके बताएं हमें कभी भटकने नहीं देंगे, परेशान नहीं होंगे।
इसी क्रम को आगे बढ़ातें परम पूज्य गुरुदेव ने कहा, बरेली नाथ नगरी का इतिहास बहुत ही समृद्ध रहा है, इसके चारों दिशाओं में नाथ संप्रदायों के बड़े-बड़े प्राचीन मंदिर स्थापित हैं, यह बरेली बालों के लिए बड़े सौभाग्य की बात है।
आगे परम पूज्य गुरुदेव ने कहा कि, हम लोग हाथ जोड़कर नमस्ते करते हैं, इसका यह मतलब है कि हम हाथ जोड़ना जानते हैं तो, जुड़वाना भी जानते हैं, झुकना जानते हैं तो, झुकाना भी जानते हैं, सनातन धर्म की यही सबसे बड़ी विशेषता है कि, सब के सुख की कामना करता है, “सर्वे संतु निरामया” बुद्धि कि शक्ति शांति के कारण ही बनती है, शांत मस्तिष्क में अक्ल रहेगी, सही निर्णय लिए जाएंगे, प्रेम की शक्ति संसार को बांधती है, और शांत मन में ही स्वस्थ विचार पैदा होते हैं, उसका विचार से ही कल का निर्माण होता है, लंबी गहन साधना के बाद साधक को महसूस हुआ कि, आज मैंने वह पा लिया, अब और कुछ पाना बाकी नहीं रहा, उस पद पर पहुंच गया, जिससे आगे कोई बड़ा पद नहीं होता और वह धन पा लिया, जिससे बड़ी कोई दौलत नहीं होती, मुझ से ज्यादा अमीर दुनिया में कोई नहीं है, मैं बहुत आनंदित हूं, क्योंकि मैं तुझे पा लिया है।
इसी क्रम में विश्व जागृति मिशन के प्रधान देवेंद्र खंडेलवाल द्वारा रचित श्रीमद् भागवत गीता एक अनमोल रतन का महाराज श्री द्वारा अपने कार्यक्रमों से विमोचन किया गया।
महाराज का स्वागत करने में, राकेश अग्रवाल, राजेंद्र अग्रवाल, महेंद्र गंगवार, सुमित्रा गंगवार, राजीव प्रधान (लखनऊ) राकेश अग्रवाल, सुधीर शर्मा, अनिल कुमार श्रीवास्तव, अवधेश नारायण, अवधेश खंडेलवाल, इंदु खंडेलवाल, दीपा त्रिपाठी,सोमेश बाष्णेय,रेनू बाष्णेय, वेदराज गंगवार, दिलीप सुखदेव, गोविंद राव पटिया गोपाल जी, राजीव गुलाटी, देवेन्द्र खण्डेलवाल,पवन अरोरा, संदीप मेहरा, गिरधर गोपाल खंडेलवाल, अशोक पटवा, श्रीमती मृदुल अग्रवाल, अनुराग गुप्ता प्रधान ( रामपुर) श्रीमती सुषमा गुप्ता, सुदर्शन विष्ट, श्रीमती शान्ति विष्ट, राकेश अग्रवाल, रश्मि अग्रवाल, आदि लोग रहे।
कार्यक्रम में सहयोग करने वाले, संजय पाठक, राजकुमार चोपड़ा, अजय अग्रवाल, विजय अग्रवाल, रमाशंकर पचोरी, अशोक अग्निहोत्री, राजेश कटिहा , अंशिका मौर्य, सीमा यादव , सरिता, जयंती, कमलेश किरण सिंह, विद्या सिंह, करुणा सक्सेना, रीता, सरिता, मुन्नी देवी, पुष्पा देवी, कमला पांडे, सुमन लता, कृष्णा, मनोरमा, नरेंद्र नाथ खुराना, श्री कान्त, पद्मा शर्मा,राजीव शर्मा, रमेश अनेजा, ललिता अनेजा, सुनीता, मंजू गोयल, नीरज माथुर, आदि का सक्रिय सहयोग रहा ।