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वर्ष 2015 से 2017 के बीच हुआ 600 करोड़ के (Rice Scam Uttarakhand) चावल घोटाले के चलते उधमसिंह नगर के राज्य सरकार, खाद्य सचिव,और उधमसिंह नगर के जिलाअधिकारी को 3 हफ्तों के अंदर जवाब देने के निर्देश दिए है,
राज्य में पीएनबी के बाद अब साल 2015 से 17 के बीच चावल के खरीदने को लेकर हुए 600 करोड़ के घोटाला सामने आया है। उधम सिंह नगर में 2015 से 17 के बीच खाद्य विभाग की ओर से चावल की खरीद–फरोद में कथित तौर पर 600 करोड़ का घोटाला किया गया, जिसको लेकर उत्तराखंड हाई कोर्ट सख्त नजर आ रही है।
उत्तराखंड के नैनीताल हाई कोर्ट ने उधम सिंह नगर के जिला अधिकारी, राज्य सरकार, खाद्य सचिव को तीन हफ्ते के अंदर जवाब देने का नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने उधम सिंह नगर में साल 2015 से 17 के बीच हुए खाद्य विभाग की ओर से चावल खरीदे जाने के बीच 600 करोड रुपए के चावल घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर दर्ज की गई जनहित याचिका के चलते राज्य सरकार, खाद्य सचिव, जिला अधिकारी उधम सिंह नगर, एसपी रुद्रपुर सहित कई पक्षकारों को तीन हफ्ते के अंदर जवाब देने का नोटिस जारी किया है।
उधम सिंह नगर में हुए चावल घोटाले को लेकर हाईकोर्ट सख्त नजर आ रही है। हाई कोर्ट ने घोटाले से जुड़े सभी लोगों को नोटिस भेज 3 हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है तो वही अगली सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने 7 नवंबर की तारीख तय की है। आपको बता दें कि बुधवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में बागेश्वर के निवासी गोपाल वनवासी के द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई की गई थी।
नैनीताल हाईकोर्ट की सुनवाई के दौरान कहा गया कि साल 2020 में कई दैनिक समाचार पत्रों के माध्यम से घोटाले की खबर सामने आई थी। कार्यवाही के दौरान बताया गया कि घोटाले की सूचना खाद्य विभाग से मांगी गई लेकिन विभाग की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। (Rice Scam Uttarakhand ) याचिका दायरकर्ता ने बताया कि उन्होंने पहली अपील विभागीय सूचना अधिकारी और दूसरी अपील राज्य सूचना अधिकारी आयोग में की थी। लेकिन राज्य सूचना आयोग ने अपील को निस्तारित करते हुए राज्य सरकार और खाद्य विभाग को सूचना मुहैया कराने के निर्देश दिए।
साल 2020 में इस मामले में SIT ने जांच की और जांच में चावल घोटाले की पुष्टि हुई। लेकिन सरकार ने घोटाले में लिप्त किसी भी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जिसके चलते अब हाई कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा हैं,