दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा श्रीमद्भागवत कथा में कथा व्यास साध्वी कालिंदी भारती जी ने ध्रुव का प्रसंग सुनाते हुए बताया कि अगर ईश्वर की प्राप्ति करनी है तो नारद जी की तरह गुरु की अति अवष्यक्ता है
फ़िरोज़पुर 14 अक्टूबर {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}=
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस का शुभारम्भ पूजन से हुआ जिसमें विकेश मेहता और अरुण अग्रवाल के परिवार ने भाग लिया। कथा व्यास साध्वी कालिन्दी भारती जी ने ध्रुव प्रसंग सुनाते हुए बताया कि भक्त ध्रुव जिस परमात्मा को प्राप्त करने हेतु वन की ओर निकले थे, देवर्षि नारद जी के माध्यम से उस परमात्मा को प्राप्त कर लिया। यदि हम भी भक्त ध्रुव की भांति उस ईश्वर को प्राप्त करना चाहते हैं तो हमें भी आवश्यकता है, ऐसे पथप्रदर्शक की ,ऐसे गुरु की जो हमारे भी अंतःकरण में उस ईश्वर का साक्षात्कार करा दे।
क्योंकि गुरु के बिना कोई भी परमात्मा को नहीं प्राप्त कर सकता।
उन्होंने बताया कि आज मानव प्रभु को मिलने के लिए तत्पर है लेकिन उसके पास प्रभु प्राप्ति का कोई साधन नहीं है। हमारे समस्त वेद शास्त्रों व धार्मिक ग्रंथों में यही लिखा है कि ब्रह्म ज्ञान की प्राप्ति के लिए ईश्वर का साक्षात्कार करने के लिए एक पूर्ण गुरु की शरणागति होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जब भी एक जीव परमात्मा की खोज में निकलता है तो वह सीधा ही ईश्वर को प्राप्त नहीं कर लेता उसे एक ब्रह्मनिष्ठ गुरु के सानिध्य में जाना ही पड़ता है। कबीर जी को प्रकाशित करने वाले सूर्य रूपी गुरु रामानंद जी तो नरेंद्र को विवेकानंद बनाने वाले उनके गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस जी थे। अतः गुरु के बिना कोई भी परमात्मा तक नहीं पहुंच सकता।
विनीता आहूजा (अध्यक्षा स्पैशल ओलम्पिक राजस्थान), डॉ दर्शन आहूजा,
गोस्वामी पूर्ण नाथ जी, जगदीश सिडाना (अध्यक्ष कृष्णा मन्दिर पुरानी आबादी), मूल चन्द गेरा,शंकर अग्रवाल,जगीर चन्द,पूर्व पार्षद अशोक मेठिया,सुभाष सरावगी ने दीप प्रज्ज्वलित में हिस्सा लिया।
कथा श्रवण करने के लिए शहर के सभी गणमान्य नागरिक पहुंच रहे हैं।
पावन आरती में शामिल होकर प्रमुख समाजसेवी विजय गोयल, पुजारी हरिलाल जोशी, राजकुमार जैन, सुभाष लोहिया,विकास काठपाल, राजनेश बहल ने प्रभु का आर्शीवाद प्राप्त किया। कथा का समापन पावन आरती से किया गया।