उत्तराखंड: फ़टी जींस वाले बयान का भारतीय अंत्योदय पार्टी समर्थन करती है,(बलवीर तलवाड़)
प्रभारी संपादक उत्तराखंड
साग़र मलिक
भारतीय अन्त्योदय पार्टी महिलाओं का सम्मान करती है पार्टी हर महिला को आदर के साथ मां , बहिन , बेटी , पत्नी व देवी के रूप में देखती व मानती है हिंदुस्तान की संस्कृति भी यही शिखाती है किसी भी बात का विरोध केवल इसलिये नही होना चाहिये कि वो सरकार के किसी प्रतिनिधि ने कही है में माननीय मुख्यमंत्री जी के बयान का समर्थन करता हूँ और जो लोग इसका विरोध कर रहे है क्या वो अपनी मां, बहिन , बेटी , व अपनी पत्नी को फटी जीन्स पहनने की इजाजत देंगे । फटी जीन्स भारत की सभ्यता का प्रतीक नही है भारत की सभ्यता साड़ी , सलवार कमीज , घागरा चोली व अन्य छेत्रिय पोशाके है जो महिलाओं की सुंदरता को दर्शाती है । महिलाओं को फटी जीन्स की बात करने वाले लोग सचे हिंदुस्तानी नही हो सकते । जीन्स पहनने को कोई मना नही करता , टी शर्ट पहनने को कोई मना नही करता जो हिंदुस्तान का या हिंदुस्तान की महिलाओं को सम्मान करता है वो हिंदुस्तान की बेटियों के अच्छे लालन पालन की बात करेगा , बेटियों को अच्छी शिक्षा व संस्कारों की बात करेगा , उनको समाज के बराबरी का हक दिलवाने की बात करेगा , उनकी सुरक्षा की बात करेगा , उनको नोकरियों व व्यवसाय में भागीदारी दिलवाने की बात करेगा । ना कि वो फ़टी जीन्स व अर्धनग्न वस्त्रों की वकालत करेगा । हमे महिलाओं को आजादी दिलवाने की बात करनी चाहिये उनके कार्यों में हाथ बंटाने की बात करनी वहां पर तो हम महिलाओं को सिर्फ घर की चारदीवारी मै बंद रखकर उनसे झाडू पोछा लगवाते है कभी आपने परिवार की महिलाओं के इस कार्य मे उनकी मदद की है । आज हम जीन्स को लेकर बहस में पड़ रहे है क्या आपने मुख्यमंत्री महोदय से ये पूछा है कि प्रदेश में इतनी बेरोजगारी क्यों है , क्या आपने ये सवाल किया है कि सरकारी स्कूलों को बंद करने की नोबत क्यो आई है क्या कभी आपने पूछा है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं क्यों चरमरा रही है । क्या आपने यह पूछा है कि प्रदेश के किसानों को आजतक आधुनिक यंत्रों से वंचित क्यों रखा गया है । हमे जीन्स की नही विकास की बात करनी चाहिये । हमे अपने भविष्य के बारे में सोचना चाहिए । प्रदेश की जनता की सोच बदलने की जरूरत है सोच बदलेंगी तो प्रदेश बदलेगा , प्रदेश बदलेगा तो देश बदलेगा । भारत की संस्कृति का सम्मान भारत की महिलाओं का सम्मान है भारत की संस्कृति को पश्चिम के अपना रहे है हम अपनी संस्कृति को भूल रहे । भारत की संस्कृति विश्व मे अपना स्थान बना रही है और हम उसको नष्ट करने पर तुले है । महलाओं का सम्मान करना सीखो यह ही हमारी सभ्यता है ।
जय अन्त्योदय