जैन समाज ने भगवान श्री महावीर स्वामी जी के निर्वाण दिवस को जैन धर्मावलंबी दिवाली के रूप हैं मनाते
दीपक शर्मा (संवाददाता)
बरेली : आज एक आवश्यक बैठक में जैन समाज ने भगवान श्री महावीर स्वामी जी के निर्वाण दिवस जो की जैन धर्मावलंबी दिवाली के रूप में मनाते हैं, के 2550 वर्ष पूर्ण होने पर होने वाले महोत्सव पर चर्चा के साथ ही अपने तीर्थो विशेषकर श्री गिरनार जी जिसकी पांचवी टोंक से 22 वें तीर्थंकर भगवान श्री नेमीनाथ जी मोक्ष गए, पर हो रहे अतिक्रमण पर आक्रोश और पीड़ा व्यक्त की।
मीडिया प्रभारी सौरभ जैन ने बताया कि जैन समाज के सभी साधु संतों सहित लाखों जैन धर्म के अनुयायी 12 नवंबर के दिन निर्जल उपवास और एकासन कर श्री गिरनार जी को लेकर हो रहे अन्याय और अतिक्रमण का सामूहिक विरोध करेंगे।
उन्होंने आगे बताया कि जैन समाज भगवान महावीर स्वामी के 2550 वें निर्वाण महोत्सव पर कोई जैन विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज आदि खोलने की सरकार से मांग करता है व दिल्ली में भगवान महावीर स्वामी की वनस्थली को भी भव्यता के साथ सुसज्जित करने की भी मांग करता है।
श्री महावीर निर्वाण समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार जैन ने मांग की कि 15 अगस्त 1947 की स्थिति श्री गिरनार जी पर बहाल की जाए और उन्होंने यह भी सरकार से मांग की है कि वर्तमान तक के श्री गिरनार जी पर हुए सड़क सहित अतिक्रमण को भी ध्वस्त किया जाए।
लॉर्ड श्री पारसनाथ चैरिटेबल ट्रस्ट के मंत्री प्रकाश चंद्र जैन ने मांग की कि न्यायालय के 17 फरवरी 2005 के आदेश दर्शनार्थियों को टोंक के सुरक्षित दर्शन के अनुपालन को सरकार सुनिश्चित करे।
अंत में कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया कि भगवान महावीर के 2550 वें निर्वाण महोत्सव को हर्षोल्लास के साथ 13 नवंबर को मनाया जाएगा, उस दिन प्रातः काल मंदिरों में निर्वाण लाडू भक्त जनों द्वारा चढ़ाया जाएगा व दोपहर घरों में श्री गौतम गणधर जी और मां सरस्वती का पूजन किया जाएगा।
भगवान महावीर के 2550 वें महोत्सव हेतु मंदिरों को भव्यता के साथ सुसज्जित किया गया है।
बैठक में सुरेंद्र जैन, युवा नेता सौरभ जैन, प्रकाश चंद जैन के अलावा सतेंद्र जैन, सतीश चंद जैन, राजीव जयपति, सुनील कुमार जैन, भूपेंद्र जैन, सुमन कुमार जैन, राजेश जैन आदि ने भी विचार व्यक्त किए।