पूर्वोत्तर रेलवे, इज्जतनगर मंडल
के वाणिज्य विभाग के तत्वावधान में “अग्नि संरक्षा एवं सावधानियां ” बिषय पर जागरूकता संगोष्ठी का हुआ आयोजन
दीपक शर्मा (संवाददाता)
बरेली : पूर्वोत्तर रेलवे,इज्जतनगर मंडल के वाणिज्य विभाग के तत्वावधान में ’’अग्नि संरक्षा एवं सावधानियाँ’’ विषय पर जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन रेलवे अधिकारी क्लब के पे्रक्षागृह में मंडल रेल प्रबंधक सुश्री रेखा यादव की अध्यक्षता में किया गया।
संगोष्ठी में अध्यक्षीय संबोधन देते हुए मंडल रेल प्रबंधक सुश्री रेखा यादव ने इज्जतनगर मंडल द्वारा सेवित क्षेत्रों की यात्री जनता से अपील की कि यात्रा के दौरान वे ज्वलनशील पदार्थों जैसे गैस सिलेंडर, पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल, स्टोव, माचिस, सिगरेट, लाईट्र्स, पटाखे आदि को साथ लेकर यात्रा न करें। यह कृत्य रेल अधिनियम-1989 की धारा 67, 164 तथा 165 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध है जिसके अंतर्गत रुपये एक हजार का जुर्माना अथवा तीन साल की जेल की सजा अथवा दोनों हो सकती है।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री रोहित गुप्ता ने कहा कि रेल कोचों में प्लास्टिक डस्टबिन की जगह मेटल धातु के बने डस्टबिन लगाये गए हैं। साथ ही साथ कोचों में फायर रिटार्डेड मैटेरियल का अधिक उपयोग करके आग की घटनाओं को कम किया जा रहा है। प्रत्येक कोच के प्रसाधन के दोनों तरफ दो अग्निशमन यंत्र लगे रहते हैैं। जिसका उपयोग कर यात्री आग पर नियंत्रण कर सकता है। उन्होंने बताया कि यदि यात्री या रेल कर्मचारी आग दुर्घटना बचाते हैं तो यह एक महत्वपूर्ण कदम है। गुप्ता ने बताया कि रेलगाड़ी में यात्रा के दौरान/स्टेशन परिसर में कोई भी आग की दुर्घटना हो अथवा कोई व्यक्ति ज्वलनशील पदार्थ के साथ यात्रा कर रहा हो जिससे आग लगने की संभावना हो तो रेलवे सुरक्षा बल के मोबाइल संख्या 9760541704, सवारी एवं माल डिब्बा नियंत्रक के मोबाइल संख्या 9760541408 तथा वाणिज्य नियंत्रक के मोबाइल संख्या 9760541958 पर तत्काल सूचित करें।
मंडल यांत्रिक इन्जिनियर (सवारी एवं माल डिब्बा) श्री शैलेश कुमार सिंह ने बताया कि चलती ट्रेन में अगर आग लगती है तो अपनी सूझ-बूझ से इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है। उन्होंने आग बढ़ने के तीन कारणों को बताया कि ऐसी वस्तु जो आसानी से आग पकड़े, फ्रेश हवा एवं तापमान आदि हैं। मोबाईल चार्जिंग प्वाइंट में पानी या खाना गर्म न करें। कोचों में लगे अग्निशमन यंत्र को हर तीन माह में नियमित चेक करते रहें। आग लगने की दशा में गार्ड/ड्राईवर की मद्द से कपलिंग खोलकर कोच को अलग करें और यात्रियों को बतायें कि वे अपने सामान की चिंता छोड़कर सबसे पहले ट्रेन से सुरक्षित उतरकर अपनी जान बचायें तथा इसकी जानकारी शीघ्र निकटतम् स्टेशन के स्टेशन मास्टर अथवा कन्ट्रोल को सूचित करें। उन्होंने कोचों में आग लगने पर रेल मद्द एप या 139 का उपयोग करने का सुझाव दिया।
सहायक मंडल विद्युत इंजीनियर अनुराग सिंह ने सार्ट सर्किट के कारण ट्रेन के कोचों में लगने वाली आग के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर अपर मंडल रेल प्रबंधक (परिचालन) राजीव अग्रवाल, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर (समन्वय) अरुण कुमार, वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी अरविन्द कुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त ऋषि पाण्डेय सहित मंडल के शाखा अधिकारी एवं भारी संख्या में रेल कर्मचारी उपस्थित थे।