गोपाष्टमी पर्व पूरी तरह से भगवान कृष्ण की पूजा के लिए समर्पित है : महंत राजेंद्र पुरी।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
गोपाष्टमी कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है।
कुरुक्षेत्र, 19 नवम्बर : जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि गोपाष्टमी का सनातन धर्म में बड़ा ही धार्मिक महत्व है। यह दिन पूरी तरह से भगवान कृष्ण की पूजा के लिए समर्पित है। गोपाष्टमी के इस पवित्र दिन पर गायों और बछड़ों को सजाया जाता है और उनकी विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। यह पर्व पूरे भारत वर्ष में मनाया जाता है। गोपाष्टमी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। यह 20 नवम्बर मनाई जाएगी।
महंत राजेंद्र पुरी ने बताया कि हिन्दुओं के बीच गोपाष्टमी का खास महत्व है। यह दिन पूरे भारत में अत्यंत श्रद्धा और समर्पण के साथ मनाया जाता है। गोपाष्टमी के शुभ दिन पर साधक भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि आती है। लोग इस पवित्र दिन पर गायों और बछड़ों की भी पूजा करते हैं और उन्हें घंटियों और कपड़ों से सजाते हैं।
जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी।