भारत सांस्कृतिक अध्ययन यात्रा का श्रीकृष्ण आयुष विवि पहुंचने पर किया स्वागत।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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स्वास्थ्य विज्ञान का वास्तविक उद्भव भारत की देन : प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान।
कुरुक्षेत्र : मीडिया छात्र एसोसिएशन एवं इंडियन मीडिया सेंटर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित भारत सांस्कृतिक अध्ययन यात्रा के अन्तर्गत जम्मू-कश्मीर के छात्र-छात्राओं का एक दल मंगलवार को श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय पहुंचा। जिसका आयुष विवि के कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान, कुलसचिव नरेश भार्गव व शिक्षक गणों ने पुष्पगुच्छ के साथ स्वागत किया। इस यात्रा में हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग कस्बों से लगभग 90 विद्यार्थी शामिल हैं। कुलपति प्रो. वैद्य करतार सिंह धीमान ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विज्ञान का वास्तविक उद्भव भारत की देन है और जिसका बहुत सारा लिटरेचर कश्मीर के अन्दर लिखा गया है। भारतीय चिकित्सा पद्धति में बाल रोग विषय आचार्य कश्यप की देन है जो मूल रूप से कश्मीर के निवासी थे। वर्तमान दौर के अन्दर भी आचार्य कश्यप की चिकित्सा पद्धति प्रासंगिक बनी हुई है। इसके साथ ही मध्ययुग के एक वेदाचार्य हुए हैं, जिन्हें डल्हण के नाम से जाना जाता है, उनका नाम डल झील से जुड़ा हुआ है। उन्होंने सुश्रुत संहिता का भाष्य लिखा है, जिसका नाम निबन्ध संग्रह है। उस ग्रन्थ में डल्हण से पूर्व के अनेकानेक आयुर्वेद के पंडितों और टीकाकारों के विचार संग्रहित हैं। वहीं कुलपति ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 के हटाए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऐतिहासिक व साहसिक फैसला बताया। कुसचिव डॉ. नरेश भार्गव ने विद्यार्थियों को भारत सांस्कृतिक अध्ययन यात्रा के लिए मंगल कामना दी और कहा कि कश्यप ऋषि के पुत्र नीलनाग द्वारा बसाया गया कश्मीर सदैव ज्ञान व शिक्षा का केंद्र रहा है। वहीं कश्मीर विद्या की देवी मां शारदा की भूमि है। इसलिए कहा जाता है जब बच्चा विद्या ग्रहण करता है तो उसे कश्मीर की तरह मुंह करके बैठाया जाता है। निश्चित रूप से यह यात्रा एक भारत, श्रेष्ठ भारत और समर्थ भारत को लेकर कारगर सिद्ध होगी। इस अवसर पर यात्रा के संयोजक नरेंद्र कुमार, डॉ. मनोज तंवर, डॉ. रवि राज आदि उपस्थित रहे।