वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
कार्यक्रम में संगीतज्ञों ने दी प्रस्तुतियां, विभिन्न राज्यों से पहुंचे संगीतज्ञ।
कुरुक्षेत्र, 14 मार्च : देशभर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष एवं श्री जयराम शिक्षण संस्थान के चेयरमैन ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से ग्रामीण आंचल में कन्याओं को उच्च शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से गतिमान सेठ नवरंग राय लोहिया जयराम कन्या महाविद्यालय में हरियाणा आर्ट्स काउंसिल एवं संगीत विभाग के तत्वावधान में बसंत नाद शास्त्रीय संगीत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सितार वादक उमेश कुमार इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़, बांसुरी वादक बंटी कुमार पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़, डा. मधु शर्मा एस.डी. कालेज अंबाला कैंट, तबला वादक अरूप चटर्जी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, मल्टी आर्ट कुरुक्षेत्र से विकास भी उपस्थित रहे। महाविद्यालय की प्राचार्या डा. सुदेश रावल ने सभी संगीत साधकों, कलाकारों का अभिनंदन एवं स्वागत किया। सभी कलाकारों ने सुर, लय और ताल के द्वारा शास्त्रीय संगीत का बेजोड़ कार्यक्रम प्रस्तुत करके सभी को भाव विभोर कर दिया। मधु शर्मा जी ने संगीत के विविध आयाम विषय पर सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए कहा कि संसार में संगीत से अच्छी कोई भाषा नहीं है। संगीत पूरे ब्रह्मांड को आत्मा देता है। हमारे जीवन में संगीत का बहुत महत्व है। हमें प्रसन्न रखने में एवं तनाव मुक्त रखने में संगीत का बहुत बड़ा योगदान है। मानव का संगीत से अटूट रिश्ता है। संगीत में साध्य और साधन दोनों ही सुख रूप हैं। कार्यक्रम की संयोजिका डा. अनीता शर्मा एवं मल्टी आर्ट से विकास ने सभी कलाकारों का धन्यवाद ज्ञापित किया। प्राचार्या डा. सुदेश रावल ने कार्यक्रम की आयोजक समिति को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संगीत एक उपासना है। भारतीय संगीत लय, सुर और ताल की सहायता से मीराबाई, तुलसीदास , सूरदास और कबीर दास जैसे कवियों ने भक्त शिरोमणि की उपाधि प्राप्त की। संगीत हमारे हृदय की वह गूँज है, वह स्पर्श है जो लोहे को भी सोना बन सकता है। कार्यक्रम के अंत में सभी कलाकारों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए।
प्रस्तुति देते हुए संगीतज्ञ एवं संगीतज्ञों का स्वागत करते हुए।