दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)
बरेली : साहित्यिक संस्था- कवि गोष्ठी आयोजन समिति के तत्वावधान में स्थानीय पांचाल पुरी में संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ.भीमराव अंबेडकर की 134 वीं जयंती की पूर्व संध्या पर सरस कवि गोष्ठी एवं सम्मान कार्यक्रम समाजसेवी योगेश जौहरी के संयोजन में किया गया जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ कवि रणधीर प्रसाद गौड़ ‘धीर’ ने की मुख्य अतिथि साहित्यकार डॉ. महेश मधुकर रहे।
माँ शारदे एवं अंबेडकर जी के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम में साहित्यिक क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए लोकप्रिय कवि दीपक मुखर्जी ‘दीप’ को अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर संस्था द्वारा भीम स्मृति सम्मान -2024 से अलंकृत किया गया।
इस अवसर पर संस्था के सचिव उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट ने अंबेडकर जयंती पर अपनी रचना प्रस्तुत करते हुए कहा कि-
संविधान के निर्माता के, सुंदर कथन- वचन,
काम कर गए इतने ऊँचे , बौना लगे गगन; आओ उनके आदर्शों को, हम सब अपनाएंँ, करें जयंती पर उनको हम,सौ-सौ बार नमन।
सम्मानित साहित्यकार डॉ. महेश मधुकर ने बाबा साहेब को समर्पित अपनी रचना इस प्रकार प्रस्तुत की- विधि वेत्ता,शिक्षाविद,दर्शन, राजनीति के ज्ञानी थे।
विषय अछूता रहा न कोई,बाबा अद्भुत प्रानी थे।।
साहित्यकार रणधीर प्रसाद गौड़ धीर ने अपनी रचना के माध्यम से कहा कि भीम राव का जन्मदिन सुबह सुहानी शाम अटल रही अविचल रही कर्मठता अविराम।
सरस कवि गोष्ठी में कवियों ने भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार बाबा साहेब को अपनी रचनाओं के माध्यम से याद किया और उनकी महिमा का गुणगान किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से अतुल सक्सेना,,सुभाष रावत राहत बरेलवी, ,बृजेंद्र तिवारी अकिंचन,रामकुमार भारद्वाज अफरोज, उमेश अद्भुत, अश्वनी कुमार तन्हा, राजकुमार अग्रवाल एवं रीतेश साहनी आदि उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन मनोज दीक्षित टिंकू ने किया। अंत में आभार कार्यक्रम संयोजक योगेश जौहरी ने सभी के प्रति प्रकट किया।