फिरोजपुर 13 मई {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}=
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की ओर से संस्थान के स्थाई आश्रम शंकर कॉलोनी, श्रीगंगानगर में अंतरराष्ट्रीय मातृ दिवस के उपलक्ष में तू है शक्ति के अंतर्गत मातृ शक्ति तुभयं नमः नामक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत माँ को समर्पित भजन व विचारो से उपस्थित जन समुह का मार्गदर्शन किया गया। बहुत ही रोचक एक्टिविटी के माध्यम से बच्चो को माँ की महिमा से अवगत कराया गया दिव्य गुरु आशुतोष महाराज जी की साध्वी शिष्या सोनिया भारती जी और अंजू भारती जी ने बताया कि माँ शब्द का अर्थ जननी है, अर्थात जन्म देने वाली। प्रेम और वात्सल्य का दूसरा रूप माँ है। माँ हमेशा अपने बच्चो को निस्वार्थ भाव से प्रेम और उसकी चिंता करती हैं। माँ हमेशा अपने बच्चों की खुशी में अपनी खुशी ढूंढ ही लेती हैं। एक माँ के प्यार की तुलना अन्य किसी प्रेम से नहीं की जा सकती। लेकिन केवल प्रेम और वात्सल्य माँ की परिभाषा नहीं है। माँ अपने बच्चों की प्रथम शिक्षक होती है। उसका मातृत्व तब पूर्ण होता है जब वह अपने बच्चों को प्रेम के साथ- साथ अच्छे संस्कारों से भी पोषित करे। इतिहास के स्वर्णिम पृष्ठों में बहुत सी ऐसी माताओं का वर्णन आता है जिन्होंने अपने बच्चों को संस्कारों से ऐसे पोषित किया कि वह सदा सदा के लिए मानव स्मृतियों में अमर हो गए इसी दौरान साध्वी पुण्याप्रधा भारती जी ने कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों से भी अपील की कि आप अपनी माता द्वारा दिए गए संस्कारों को ग्रहण करे। माता पिता सदा बच्चों को सन्मार्ग पर चलने की शिक्षा देते हैं इसलिए वह उनके मार्गदर्शन में सदा अच्छी राह पर चले और कुसंगति से बचे कार्यक्रम के दौरान साध्वी दीपाली भारती जी ने मातृ शक्ति को समर्पित सुमधुर भजनों का गायन कर सभी को मंत्र मुग्ध किया।