उत्तराखंड: 2012 में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में गए भीमलाल के हुए बुरे हाल।
प्रभारी संपादक उत्तराखंड
साग़र मलिक
देहरादून :2012 में भारतीय जनता पार्टी के सिंबल पर जीतने वाले घनसाली से विधायक भीम लाल आर्य इन दिनों बहुत परेशान हैं। बीच रास्ते में विधायकी छोड़ने के बाद उनकी राजनीति ठप चुकी है। और अपनी पार्टी से दगा करने का जो अंजाम है वो आज भुगत रहे हैं।
इन्होंने सबसे पहले विजय बहुगुणा के खिलाफ कैंडिडेट खड़ा ना करने की अपील भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से की थी। और उसके कुछ समय बाद ये कभी विजय बहुगुणा और कभी हरीश रावत के पीछे चलते रहे।
और इसी दल बदल के कारण इनकी विधायकी की भी चली गई जब यह प्रदेश में विधायक थे तो हर रोज धरने प्रदर्शन करते थे।
और अपनी मांगों को रखते थे और विधायक के रुप में यह जिन कामों को लेकर असफल हुए हैं अब उनको लेकर यह धरना प्रदर्शन भी नहीं कर पा रहे हैं। और लंबी लंबी चिट्टियां लेकर घूम रहे हैं।
अभी इन्होंने ताजा प्रस्ताव मुख्य सचिव को दिया है वह इनकी नाकामी का सबसे बड़ा सबूत है। कि 5 साल तक इन्होंने विधायकी के रूप में कुछ काम नहीं किया और कांग्रेस में जाकर इन की दुर्गति हो गई है।