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जय शर्मा ब्यूरो चीफ
गोरखपुर क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय 25 मार्च को क्षेत्रीय अध्यक्ष बने यह मूल रूप से आजमगढ़ के रहने वाले हैं। पहली बार कोई क्षेत्रीय अध्यक्ष आजमगढ़ जनपद का हुआ है। राजनीतिक उठा पटक में सहजानंद राय को काफी संघर्ष करना पड़ रहा है। क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय के कार्यकाल में उप चुनाव घोसी और नगर पालिका का चुनाव लड़ा गया। जिसमें घोसी उपचुनाव और नगर पालिका आजमगढ़ के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।बता दें कि उपचुनाव हो या नगर पालिका का चुनाव पार्टी के भीतर ही भीतरघात होने से यह नुकसान देखने को मिला । गोरखपुर क्षेत्र के 13 लोकसभा चुनाव लड़ा जा रहा है। जिसमें सहयोगी दल सुभासपा की भी एक सीट घोसी लोकसभा है। स्वजातीय प्रत्याशी सपा का घोसी लोकसभा में है। पर वहां के स्वजातीय मतदाताओं ने उपचुनाव घोसी में बढ़-चढ़कर पार्टी के साथ थे। हां कुछ पार्टी विरोधी पार्टी के ही रणनीतिकारों के कारण भाजपा को मुंह की खानी पड़ी थी। गोरखपुर क्षेत्र के 13 सीटों में गोरखपुर, बांसगांव, महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, बस्ती, संत कबीर नगर, डुमरियागंज, बलिया, सलेमपुर , आजमगढ़, लालगंज ,घोसी है ।
2019 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निरहुआ को आजमगढ़ सदर लोकसभा से हार का सामना करना पड़ा था। जब उपचुनाव आजमगढ़ सदर लोकसभा में 2022 में हुआ तो पार्टी के आला कमान ने उपचुनाव में शक्ति बरती और चुनाव निरहुआ जीत गया, 13 प्रत्याशियों में 10 प्रत्याशी दोबारा टिकट पाने में सफल हुए ।भाजपा ने देवरिया से रमापति राम त्रिपाठी का टिकट काटकर शशांक मणि त्रिपाठी को तथा बलिया में वीरेंद्र मस्त का टिकट काटकर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर को उम्मीदवार बनाया। घोसी लोकसभा सीट गठबंधन के खाते में जाने की वजह से अरविंद राजभर प्रत्याशी हुए।सहजानंद राय क्षेत्रीय अध्यक्ष को अब इतिहास दोहराने की बड़ी जिम्मेदारी मिली है। क्षेत्रीय अध्यक्ष बनने के बाद कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है। चाटुकारों की राजनीति गलती दिख नहीं रही है। भाजपा की युवा अध्यक्ष और क्षेत्रीय महामंत्री का पद संभालते हुए बड़ी जिम्मेदारी निभाने का पार्टी ने विश्वास किया है।पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह के क्षेत्रीय अध्यक्ष रहते हुए विधानसभा का चुनाव 2022 में आजमगढ़ की दसों सिटे विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के खाते में चली गई। एक भी सीट बीजेपी जीत नहीं पाई। ऐसी स्थिति में आजमगढ़ का लोकसभा चुनाव संघर्षील होता दिख रहा है। जबकि भीतर घात कम होता नजर नहीं आ रहा है। कहते हैं की राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता। सहजानंद राय के क्षेत्रीय अध्यक्ष होने से पार्टी के संघर्षील कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ा है । जबकि मठाधीशों की मठाधीशी कम हो गई है। ऐसी स्थिति में अगर भीतरघात रही तो आजमगढ़ में भी नुकसान हो सकता है।क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानंद राय के प्रयास से लालगंज सुरक्षित लोकसभा से वर्तमान सांसद रहे बसपा के संगीता आजाद और पूर्व विधायक अरिमर्दन आजाद को भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता दिलाई, तो वहीं आजमगढ़ जनपद सदर लोकसभा में कई पूर्व प्रमुख व ब्लाक प्रमुख सहित दर्जनों समाजवादी पार्टी के नेता को बसपा सपा के नेता को भी पार्टी में जोड़कर भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने का काम किया है।