वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
कुरुक्षेत्र, 4 जून : अत्यधिक गर्मी की मौजूदा स्थिति में बिजली की तेजी से बढ़ती मांग को देखते हुए ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (ए.आई.पी.ई.एफ.) ने मांग की है कि हीट वेव को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने प्रधानमंत्री को मेल पत्र भेज उनका ध्यान इस ओर आकर्षित किया है।
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (ए.आई.पी.ई.एफ.) के प्रवक्ता वी.के. गुप्ता ने बताया कि विशेष रूप से उत्तर भारत में अत्यधिक गर्मी के कारण उत्तरी राज्यों में बिजली की मांग चरम पर है। 30 मई 2024 को उत्तरी क्षेत्र ने रिकॉर्ड मांग हासिल की, जो 86.7 गीगावॉट के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई। इस महीने के दौरान, बिजली की अधिकतम मांग यू.पी. में 29000 मेगावाट, पंजाब में 14000 मेगावाट, हरियाणा में 12000 मेगावाट और दिल्ली में 8300 मेगावाट को पार कर गई।
देश में बिजली की खपत 250 गीगावाट तक पहुंच गई है। यह पिछले सितंबर 2023 के 243.3 गीगावाट के पिछले उच्चतम स्तर को पार कर गया है। बिजली की मांग ने बिजली मंत्रालय के सभी अनुमानों को तोड़ दिया है और आने वाले महीनों में इसके बढऩे की संभावना है क्योंकि धान की बुआई जून, 2024 के मध्य से पूरे जोरों पर होगी।
फेडरेशन ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि वर्तमान गर्मी को बाढ़ और चक्रवात आदि जैसी राष्ट्रीय आपदा घोषित करें और स्थिति से निपटने के लिए अल्पावधि और मध्यावधि में उपाय करें।
फेडरेशन ने मध्यावधि उपाय भी सुझाए हैं जिसमे किसी भी वितरण ट्रांसफार्मर पर उसकी क्षमता का 75 प्रतिशत से अधिक भार नहीं डाला जाए। सबस्टेशनों, डी.टी. आदि पर अर्थिंग सिस्टम की जांच की जाए और उस का अच्छे से रखरखाव किया जाए। पुराने कंडक्टर को नए कंडक्टर से बदला जाए।
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (ए.आई.पी.ई.एफ.) के प्रवक्ता वी.के. गुप्ता।