फिरोजपुर 05 जून {कैलाश शर्मा जिला विशेष संवाददाता}=
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के द्वारा गांव वां में एक दिवसीय सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी ब्रह्मप्रीता भारती ने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान को भूलने से मनुष्य को दुख ही प्राप्त होगें । उदाहरण के लिए, यदि कोई पौधा अपने जड़ से अलग हो जाता है यदि वह सोचे कि मेरी शाखाओं पर सुंदर फूल लगेंगे या मीठे फल लगेंगे, तो यह उसकी बहुत बड़ी भूल है। क्योंकि जड़ से अलग हुए बिना कोई भी पौधा फल नहीं दे सकता। एक अच्छे इंसान की हालत भी ऐसी ही होती है. आज वह अपने मूल ईश्वर से विमुख होकर सांसारिक सुखों में सुख-शांति पाना चाहता है। लेकिन इस प्रयास में उसकी अशांति दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती जा रही है. मनुष्य यह भी भूल गया है कि इस संसार में न कभी किसी को सुख प्राप्त हुआ है और न कभी प्राप्त होगा। बल्कि सांसारिक सुख तो मनुष्य को रोगी बना ही देते हैं। यदि कोई व्यक्ति लगातार चीनी का सेवन करता रहे तो चीनी की अधिकता उसे बीमार कर देगी। और वह डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारी से ग्रसित हो जाते हैं। इसी प्रकार मनुष्य ईश्वर को भूलकर संसार को ही सब कुछ मान लेता है। उसे जन्म-मृत्यु का भयानक एवं असाध्य रोग भी हो जाता है।
साध्वी जी ने कहा कि इसीलिए हमारे महान संत लोगों को चेतावनी देते हैं कि ऐसे सुखों का आनंद लेने से क्या फायदा जो जीवन को उत्सव के बजाय दुख से भर दें। जीवन, जो ईश्वर का अनमोल उपहार था, मनुष्य की गलतियों के कारण अभिशाप बन जाए। यदि हम महापुरुषों के वचनों की गहराई में जाएं तो इसका कारण एक ही है कि मनुष्य ने अपने जीवन से ईश्वर की याद को दूर कर दिया है। भले ही वह भूल से भी भगवान को याद कर ले। तो तभी जब उसका स्वार्थ पूरा हो। इसलिए हमें अपने समय से समय निकालकर उस ईश्वर को याद करना चाहिए, वही हमारे जीवन में सहायक है।